संजय-मेनका गांधी के बेटे और भाजपा सांसद वरुण गांधी, अक्सर अपने कामों और बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। कहने को तो वरुण, उस गांधी परिवार से हैं जो कांग्रेस पार्टी के कर्ता-धर्ता माने जाते रहे हैं, लेकिन जब खुद वरुण राजनीति में उतरे तो वो बीजेपी से चुनाव लड़े ना की कांग्रेस से। राजनीति से ही संबंधित वरुण गांधी का एक इंटरव्यू फिर से सुर्खियां बटोर रहा है।

ये इंटरव्यू तब का है जब वरुण राजनीति में नए थे। एंकर इस शो के लिए उनके दिल्ली स्थित आवास पहुंची थी, जहां वरुण ने राजनीति और अपने परिवार के बारे में खुलकर बात की थी। इस शो में वरुण ने कहा था कि वो खुद को शिक्षा से वकील, पैशन से कवि और बेरोजगारी से राजनेता मानते हैं। इंटरव्यू के दौरान ये भी पता चलता है कि वरुण उस समय इतने बीजी थे कि उन्हें दिन का भी याद नहीं रहता है। वरुण इस दौरान पेंटिग्स, कविता और अपनी किताबों के बारे में भी बात करते नजर आते हैं। खुद वरुण की मां मेनका गांधी भी आर्ट लवर है।

वरुण शो में गांधी सरनेम पर भी अपनी बात रखते हैं। वरुण कहते हैं कि अगर नेहरू-गांधी के ट्रेडिशनल रोल की बात की जाए तो उनकी मां मेनका गांधी उस रोल के 20 सालों डिफाइन कर रही हैं।

पिता संजय गांधी को इमरजेंसी के फेस कहे जाने पर वरुण इसे नकारते हुए, उसके लिए तत्कालिक कई घटनाओं को जिम्मेदार बताते हैं। वरुण कहते हैं कि अगर किसी के पास थोड़ा सा भी सेंस है तो वो इमरजेंसी को गलत ही कहेगा। मेरे पिता इसे गलत कह चुके हैं। मेरी दादी इसे गलत कह चुकी हैं। माफी भी मांगी जा चुकी है, और यही कारण रहा कि इमरजेंसी के कुछ ही दिनों बाद कांग्रेस सत्ता में वापस आ गई थी। वरूण से बीजेपी के साथ जाने के सवाल पर वो कहते हैं कि विकास और प्रगति की बात हमें साथ लाया है।

बता दें कि वरुण गांधी, 2004 में बीजेपी में शामिल हो गए थे। 2009 में बीजेपी ने उन्हें पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया और वो रिकॉर्ड मतो से जीते। तब से लेकर वो आजतक बीजेपी से सांसद हैं और सामाजिक कार्यों के कारण अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं।