भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी का मानना है कि संसद की लाइब्रेरी दुनिया की ‘सबसे ज्यादा एकांत वाली जगह’ है क्योंकि सांसद कभी-कभी ही वहां जाते हैं। वरुण गांधी ने ये बातें इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस पॉलिसी, हैदराबाद के कार्यक्रम ‘रोड टु 2019’ के दौरान कहीं। वरुण गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि “मैं अधिकांशतः संसद की लाइब्रेरी जाता हूं क्योंकि यह ज्ञान के भंडार वाली जगहों में से एक है, लेकिन मैं आपसे वादा कर सकता हूं कि हमेशा जब भी मैं वहां जाता हूं तो मुझे लगता है कि यह दुनिया की सबसे एकांत वाली जगह है। जब भी मैं वहां जाता हूं, वहां की लाइब्रेरियन मुझे गले लगा लेती हैं, क्योंकि करीब 10 दिनों से उन्होंने वहां किसी व्यक्ति को नहीं देखा।”

वरुण गांधी ने जन-प्रतिनिधियों के ज्ञान अर्जित करने की महत्ता पर बल डाला और ये भी कहा कि देश युवा जनसंख्या के बल पर आगे बढ़ रहा है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ सांसदों की औसत आयु बढ़ती जा रही है। सांसदों की सैलरी पर बात करते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि साल 1952 से हर साल सांसदों की सैलरी में बढ़ोत्तरी हो रही है। गांधी के अनुसार, साल 1950 से 1972 तक देश की संसद में 145 दिन काम होता था। लेकिन पिछले 20 सालों में यह घटकर 65 दिन ही रह गया है।

पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने संसद में घटते विमर्श पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ‘बीते 20 सालों में संसद से 64 प्रतिशत विधेयक बिना किसी चर्चा के पास हो गए। वहीं 71 प्रतिशत बिल संसद की स्टैंडिंग कमेटी को भेजे बिना ही पास कर दिए गए।’ पीटीआई की खबर के अनुसार, वरुण गांधी ने कहा कि जब से वह सांसद बने हैं, तब से वह अपनी सैलरी जरुरतमंद लोगों को दान कर रहे हैं और अन्य सांसदों से, जिनकी सालाना कमाई 20 करोड़ रुपए से ज्यादा है, उनसे भी अपनी सैलरी दान करने का आग्रह कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है।