दिल्ली में नगर निगम की 13 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी अपने हारे हुए विधायकों को उतार सकती है। बीजेपी ने अपने पूर्व विधायकों को जो अपनी सीट पर पार्षद भी रह चुके हैं उन्हें उप चुनाव में हिस्सा लेने का प्रस्ताव दिया है। वहीं पहली बार पार्षदी के चुनाव में उतरने जा रही आम आदमी पार्टी पहले ही अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुकी है। आम आदमी पार्टी कहा है कि यह उप चुनाव 2017 में होने वाले नगर निगम चुनाव की तस्वीर साफ कर देंगे।
बीजेपी इस उपचुनाव में बेहद सधे कदमों के साथ आगे बढ़ना चाहती है। 2015 के विधानसभा चुनाव में हुई शर्मनाक हार के बाद पार्टी इस बार हर कदम बेहद सोच-समझकर रख रही है। पार्टी ने अपने पूर्व विधायकों को चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है और उन्हें छूट दी है कि वो चुनाव में लड़ने या ना लड़ने का अपना फैसला पार्टी को बताएं।
पार्टी के एक सीनियर नेता ने कहा, ” पार्टी के ये नेता विधानयभा और नगर निगम दोनों स्तर पर पहले चुनाव लड़ चुके हैं उन्हें चुनाव की रणनीति बनानी आती है। वो अपने चुनाव क्षेत्र और मतदाताओं को अच्छे से समझते हैं। आप पार्टी के प्रभाव में आई कमी को साबित करने के लिए हमें यह चुनाव जीतना बेहद आवश्यक है। हम इन 13 सीटों को लेकर बेहद गंभीर हैं। 2017 के नगर निगर चुनाव का इन चुनावों से सीधा संबंध हो या ना हो लेकिन ये चुनाव पार्टी के मनोबल पर निश्चित ही प्रभाव डालेंगे। हालांकि पार्टी नेता का कहना है कि कई पूर्व विधायकों ने इन चुनावों में उतरने से मना किया है । विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद कौन वापस पार्षदी के चुनाव में उतरना चाहेगा। एक और चुनावी हार हो सकता है उनके राजनीतिक करियर ही समाप्त कर दे।
पार्टी नेता ने ये भी कहा कि कुछ नेता हैं जो हो सकता है ये प्रस्ताव स्वीकार कर लें। साथी ही उन्होंने यह भी कहा, ” पार्टी के पास ऐसे कई कार्यकर्ता हैं जिनका दावा है कि वो पार्टी के लिए ये चुनाव जीत सकते हैं। पार्टी सभी तर्कों पर विचार कर टिकट देगी। ” उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस हफ्ते उपचुनाव का नोटिफिकेशन जारी कर देगा।
