भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कर्नाटक के मुद्दे पर पार्टी नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया। शाह ने इन संकेतों के बीच पार्टी नेताओं के साथ सलाह मशविरा किया कि कर्नाटक में एच डी कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार के मंगलवार को गिरने के बाद बी एस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा की पसंद हो सकते हैं। राज्य में शीर्ष पद के लिए भाजपा की पसंद के बारे में पूछे जाने पर पार्टी के एक नेता ने कहा कि येदियुरप्पा जाहिर तौर पर दावेदार हैं लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह सहित पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस बारे में निर्णय करेगा। उल्लेखनीय है कि येदियुरप्पा को ऐसे व्यक्ति के तौर पर देखा जा रहा है जिन्होंने राज्य में कांग्रेस-जदएस सरकार को सत्ता से हटाने के अभियान का नेतृत्व किया। कर्नाटक से आने वाले एवं संसदीय मामलों के मंत्री प्रमोद जोशी ने कहा कि येदियुरप्पा इस पद के लिए स्वाभाविक पसंद हैं लेकिन अंतिम निर्णय राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा।

उन्होंने कहा कि पार्टी अगली सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। कुमारस्वामी सरकार के गिरने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘‘आखिर में सच्चाई की जीत हुई और कर्नाटक को लोकप्रिय भाजपा सरकार मिलेगी। सत्ता की भूखी कांग्रेस और जदएस ने सभी अलोकतांत्रिक तरीकों से सत्ता में बने रहने का अपना पूरा प्रयास किया।’’ इससे पहले कर्नाटक में कांग्रेस-जदएस सरकार के विश्वासमत हासिल नहीं कर पाने पर भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव ने कहा कि भ्रष्ट, अवैध गठबंधन सरकार का जाना राज्य के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा पेश किये गये विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 99 जबकि उसके खिलाफ 105 वोट पड़े।

बता दें कर्नाटक विधानसभा में एच डी कुमारस्वामी नीत सरकार का विश्वास प्रस्ताव गिरने के साथ ही मंगलवार को कांग्रेस के हाथ से एक और राज्य चला गया। अब सिर्फ चार राज्यों एवं एक केंद्रशासित प्रदेश में ही उसकी सरकारें बची हैं। कांग्रेस अब पंजाब, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुडुचेरी में सत्तासीन है। कर्नाटक में गठबंधन सरकार गिरने साथ ही दक्षिण भारत में कांग्रेस किसी भी राज्य में सत्ता में नहीं रह गई है, हालांकि केंद्रशासित पुडुचेरी में जरूर उसकी सरकार है।

पिछले साल कर्नाटक में जद(एस) के साथ मिलकर सरकार बनाते हुए कांग्रेस ने राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखी थी। इसके कुछ महीने बाद ही वह मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे हिंदीभाषी क्षेत्र के तीन महत्वपूर्ण राज्यों में सरकार बनाने में सफल रही थी। इस साल के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 2014 के आम चुनाव की तरह एक बार फिर करारी हार का सामना करना पड़ा। इसके करीब दो महीने बाद ही कर्नाटक में सरकार का गिरना पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। उधर, भाजपा और उसके सहयोगी दल इस वक्त देश के कुल 16 राज्यों में सत्तासीन हैं, जिनमें राजनीतिक रूप से बेहद अहम उत्तर प्रदेश और बिहार भी शामिल हैं। कर्नाटक में सरकार बनाने की स्थिति में पार्टी सहयोगी दलों के साथ कुल 17 राज्यों में सत्तासीन हो जाएगी।