राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता और बिहार की राजधानी पटना के पालीगंज ब्लॉक के प्रमुख अमित भूषण वर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। ये हत्या मंगलवार (13 नवंबर, 2018) की देर रात हुई। घटना के वक्त अ​मित भूषण इलाके के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए गए थे। ये एक साल से भी कम वक्त में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के किसी नेता की हत्या का चौथा मामला है।

आरएलएसपी के मुखिया और केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने पीड़ित के परिवार से मुलाकात की। उन्होंने कहा,”ये एक साल के भीतर आरएलएसपी के नेता की हत्या का चौथा मामला है। बिहार में कानून और व्यवस्था खत्म हो चुकी है। मुझे आश्चर्य है कि ये किस प्रकार का सुशासन है?” केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बाद में ट्वीट करते हुए कहा,” घटना पर घटना, फिर घटना, घटनाओं का सिलसिला, हर-तरफ, हर-पहर, चुन-चुन कर हत्या ……! फिर भी सुशासन? शायद उन्होंने बदल दी है #बिहार में सुशासन की परिभाषा…..!”

पुलिस के मुताबिक, ये वाकया उस वक्त हुआ है जब वर्मा एक स्थानीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए गए थे। ये कार्यक्रम खीरीमोड़ पुलिस स्टेशन के पास आयोजित किया गया था। जैसे ही अमित भूषण मंच पर भाषण देने के लिए आए। कुछ बंदूकधारियों ने करीब से उन पर गोलियों की बौछार कर दी। अमित भूषण को चार गोलियां लगीं और वह मंच पर ही गिर पड़े।

स्थानीय थाना प्रभारी घटना के वक्त अमित भूषण वर्मा के पीछे ही खड़े थे। उन्होंने भी छिपकर गोलियों से अपनी जान बचाई। घटना के बाद हमलावर अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया,”अपराधी अंधेरे के कारण भागने में सफल रहे। इस हत्या का कारण पुरानी रंजिश जान पड़ता है।”

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएलएसपी के प्रवक्ता जितेंद्र नाथ ने कहा, ”हत्या की ये घटनाएं सोची-समझी साजिश के तहत की जा रही हैं। हमारे नेता वैशाली के मनीष सहनी, खगौल के मनोज महतो और सिवान के संजय शाह की हत्या हो चुकी है। ये सारी हत्याएं एक साल के भीतर ही हुई हैं। मनोज के मामले में, एक गवाह की भी हत्या कर दी गई है। हम इस मामले की निष्प्क्ष जांच की मांग करते हैं।”