सीबीआई की अदालत ने सृजन फर्जीवाड़े के आरोप में भागलपुर की जेल में बंद 17 कैदियों को पेश करने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। इन बंदियों को 3 अक्टूबर तक पटना की सीबीआई कोर्ट में हाजिर होना है। पुलिस की एसआईटी और आर्थिक अपराध इकाई टीम ने फर्जीवाड़े का पता चलते ही 18 सरकारी बैंक और सृजन से जुड़े लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद 17 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सैकड़ों करोड़ रुपए के सृजन घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। जेल में बंद 18 आरोपियों में से एक कल्याण विभाग के नाजिर महेश मंडल की पांच रोज बाद ही तबियत बिगड़ जाने की वजह से मौत हो गई थी।
मंगलवार देर शाम जिला नजारत के फरार नाजिर अमरेंद्र कुमार यादव अचानक सीबीआई के सामने हाजिर हो अपना पक्ष रखा। बता दें कि फर्जीवाड़े में पुलिस के सामने सबसे पहले नाम इसी का आया था। इसके बाद वो फरार हो गया था। सीबीआई की टीम ने इससे सरकारी धन की गलत तरीके से निकासी के बारे में पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने वर्तमान जिला पंचायत व कल्याण अधिकारी अपूर्व कुमार मधुकर से भी गहन पूछताछ की है। इनसे करीब आठ घंटों तक सीबीआई ने बैंकों से लेनदेन, विभाग के हिसाब-किताब की बारिकी से जानकारी ली।
इधर, नवगछिया ब्लॉक के बीडीओ राजीव कुमार रंजन ने भी 6 करोड़ रुपए उनके इंडियन बैंक के खाते से सृजन खाते में हस्तानांतरित कर दिए जाने की रपट थाने में लिखवाई है। एफआईआर मंगलवार देर रात कोतवाली पुलिस ने लिखी है। यानी, सीबीआई मामले को हाथ में लेने के बाद अब तक विभिन्न मामलों के तहत सात एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिनमें करीबन 65 करोड़ रुपए सरकारी धन सृजन के खातों में गलत तरीके से ट्रांसफर करने का आरोप है। ये एफआईआर जिलाधीश आदेश तितमारे के निर्देश पर करवाई गई है। इस तरह घपले की रकम 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुकी है।
कुल मिलाकर अब तक इस मामले में 22 एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें से 9 की जांच का जिम्मा सीबीआई ने शुरुआत में ही अपने हाथ में ले लिया। सूत्रों के मुताबिक, बाद में दर्ज 5 एफआईआर की अधिसूचना भी सीबीआई ने बीते सोमवार को जारी कर दी और जांच का जिम्मा ले लिया। इनमें से दो एफआईआर बांका की है। जिसकी संख्या 505 और 539 /17 है। बांका के भूअर्जन अधिकारी आदित्य कुमार झा ने 101 करोड़ रुपए के सरकारी रकम के फर्जीवाड़े का आरोप सरकारी अधिकारी व बैंक पर आरोप लगाकर दर्ज कराई थी।
वहीं सीबीआई ने तीन एफआईआर की जांच भी अपने हाथ में लिया है। जिसमें भागलपुर के कोतवाली तिलकामांझी और सबौर थाने में दर्ज एफआईआर संख्या क्रम 545 /17, 539 / 17 और 241/17 है। इसके अलावा सहरसा का नाम भी सृजन घोटाले में आया है। यहां दर्ज एफआईआर की जांच भी सीबीआई कर रही है। वहीं एसएसपी मनोज कुमार ने बताया है कि बाकी सात जगहों पर दर्ज एफआईआर की जांच का जिम्मा भी सीबीआई को देने पर विचार किया जा रहा है।

