बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कार्यकर्ता गुरुवार को सड़क पर उतरे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर विश्वासधात का आरोप लगाते हुए राजद ने ‘विश्वासघात दिवस’ मनाने की घोषणा की और सैकड़ों राजद समर्थकों ने पटना में ऐतिहासिक महात्मा गांधी सेतु पर धरना दिया, जिससे करीब पांच घंटे तक इस पुल पर आवागमन ठप रहा। बाद में पुलिस अधिकारियों के समझाने-बुझाने पर राजद समर्थक सड़क से हटे। पटना शहर में भी राजद कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और राजद प्रदेश कार्यालय से आयकर गोलंबर पर पहुंचकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला फूंका। इस दौरान राजद कार्यकर्ताओं ने नीतीश के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वैशाली और समस्तीपुर जिले में भी राजद समर्थक सड़कों पर उतरे।

इससे पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद ने गुरुवार तड़के करीब दो बजे अपने समर्थकों के साथ राजभवन मार्च किया।

[jwplayer xrM7OW2p]

राजद के प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि सबसे ज्यादा 80 विधायक राजद के पास हैं, इसके बावजूद प्रभारी राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने राजद को सरकार बनाने का न्योता नहीं देकर आनन-फानन में जदयू-भाजपा की सरकर बनवा दी। यह लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कहा कि ये पूरा घटनाक्रम सुनियोजित ढंग से हुआ है। बिहार की जनता ने भाजपा के खिलाफ ऐतिहासिक जनादेश दिया था। यह बिहार की जनता का अपमान है। नीतीश ने बिहार की जनता के साथ विश्वासघात किया है।