बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार (4 अगस्त) को कहा कि जब भी केन्द्र सरकार की ओर से जीएसटी विधेयक विधानमंडल से पारित कराने के लिए आएगा, विधानमंडल की बैठक बुलाकर इसको समर्थन दिया जाएगा। बिहार विधानमण्डल के मॉनसून सत्र की समाप्ति के बाद पत्रकारों से बातचीत में नीतीश ने कहा कि जीएसटी बिल का प्रारंभ से ही हमलोगों ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह उपयोगी कानून है और इससे राज्यों को फायदा होगा। राज्यसभा से पारित होने के बाद बिल लोकसभा से पारित होगा और उसके बाद केन्द्र सरकार की ओर से विधानमंडल से पारित कराने के लिए भेजा जाएगा।
नीतीश ने कहा कि जब भी केन्द्र सरकार की ओर से यह बिल विधानमंडल से पारित कराने के लिए आएगा तो बिहार विधानमंडल की बैठक बुलाकर इसको समर्थन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी गुरुवार (4 अगस्त) को फोन पर चर्चा हुई है। हमारी यही अपेक्षा है कि केन्द्र सरकार इस संबंध में जरूरी कदम उठाएगी ताकि यह विधेयक एक अप्रैल 2017 से प्रभावी हो सके।
बिहार में वैट दर में वृद्धि को लेकर पूछे गए एक प्रश्न पर नीतीश ने कहा कि यह सरकार का अधिकार क्षेत्र है। सात निश्चय कार्यक्रम को लागू करना है। विकास के कई काम किये जाने है लोगों की आमदनी बढ़ रही है तो टैक्स भी बढ़ना चाहिए। टैक्स ऐसी चीज है जो समय-समय पर बढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष राज्य के दर्जा की मांग निरंतर जारी है। राज्यपाल के पद के औचित्य पर पूछे गए प्रश्न पर नीतीश ने कहा कि भारत मे संघीय ढांचा लागू है तो राज्यपाल के पद का कोई औचित्य नहीं है।

