मुजफ्फरपुर जिले स्थित एक बालिका गृह में 34 लडकियों के साथ यौन शोषण मामले में नीतीश कुमार ने एक बार फिर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसी को बख्शने वाली नहीं है। दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी। एक कार्यक्रम में सीएम नीतीश ने कहा, ‘हम किसी को बख्शने वाले नहीं है। आजतक कोई समझौता नहीं किया है। बाकी हमीं को गाली देनी है तो दीजिए। कैसे-कैसे लोगों से गाली दिलवा रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जरा पोजिटिव फीड पर भी आप लोग कृपा करें। एकाद निगेटिव चीज हो गई, उसी को लेकर चल रहे हैं। जो गड़बड़ करेगा वो अंदर जाएगा। उसको बचाने वाला भी नहीं बचेगा। वो भी अंदर जाएगा।’
बता दें कि लडकियों के साथ यौन शोषण मामले की सीबीआई जांच के बीच राज्य के समाज कल्याण विभाग ने मुजफ्फरपुर बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक सहित मुंगेर, अररिया, मधुबनी, भागलपुर और भोजपुर जिलों की बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशकों को भी निलंबित कर दिया है। समाज कल्याण विभाग द्वारा इस संबंध में जारी अलग-अलग अधिसूचनाओं के अनुसार निलंबन की उक्त कारवाई जिन बाल संरक्षण इकाईयों के सहायक निदेशक के पद पर तैनात पदाधिकारियों के खिलाफ की गयी है उनमें दिवेश कुमार शर्मा (मुजफ्फरपुर), सीमा कुमारी (मुंगेर), घनश्याम रविदास (अररिया), कुमार सत्यकाम (मधुबनी), गीतांजलि प्रसाद (भागलपुर) और आलोक रंजन (भोजपुर) शामिल हैं।
Hum kisiko bakshne wale nahi hain. Aaj tak nahi kiya hai koi samjhauta. Baaki hum hi ko gaali dena hai toh dijiye. Kaise kaise logon se gaali dilwa rahe hain: Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/FM93YmsLrP
— ANI (@ANI) August 5, 2018
Zara positive feed par bhi aap log kripa karke dekh lein. Ek aad negative cheez hogya usi ko lekar chal rahe hain. Jo gadbad karega vo andar jaega. Usko bachaane wala bhi nahi bachega, vo bhi andar jaega: Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/P27QIs5xq1
— ANI (@ANI) August 5, 2018
सामाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक द्वारा हस्ताक्षरित उक्त निलंबन अधिसूचनाओं में कहा गया है कि मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की कोशिश टीम की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में इन अधिकारियों के अंतर्गत संचालित संस्थानों में वहां रहने वाली बच्चियों के साथ मारपीट, अभद्र व्यवहार, तथा अन्य अवांछित कार्य किए जाने की स्थिति के बारे में जानकारी होने के बावजूद उनके द्वारा आवश्यक कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। अपने निरीक्षण रिपोर्ट में भी उन्होंने उक्त संस्थानों की वस्तुस्थिति से उच्च अधिकारियों को अवगत नहीं कराया गया।
इन अधिसूचनाओं में कहा गया है गत 26 मई की राज्य स्तरीय बैठक में टीआईएसएस की रिपोर्ट के आलोक में इन जिलों के बाल संरक्षण इकाई पदाधिकारियों को कार्रवाई किए जाने के लिए निर्देशित किया गया था पर उनकी लापरवाही एवं कर्तव्यहीनता से दोषियों के विरूद्ध समय रहते कार्रवाई नहीं होने से विभाग और सरकार के समक्ष असहज स्थिति उत्पन्न हुई है।
उल्लेखनीय है कि विपक्षी दलों द्वारा मुजफ्फरपुर मामले में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी तथा मंजू वर्मा के मंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने की लगातार मांग के साथ यह प्रश्न उठाया जा रहा था कि टीआईएसएस की रिपोर्ट आने के करीब दो महीने के बाद विभाग द्वारा उक्त मामले में कार्रवाई क्यों शुरू की गयी।
दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यौन शोषण मामले में भाजपा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला और कहा कि यदि नीतीश को शर्म आ रही है तो वह दोषियों पर तुरन्त कार्रवाई करें। मुजफ्फरपुर मामले को लेकर जंतर-मंतर प्रदर्शन में शामिल हुए गांधी ने कहा, “आज अत्यंत दु:ख की घड़ी है। आज हम सिर्फ उन 40 बेटियों ही नहीं बल्कि देश की प्रत्येक महिला की सुरक्षा के लिए आए हैं।” उन्होंने कहा कि देश के अंदर एसा माहौल बना दिया है कि हर वर्ग पर हमला हो रहा है। मीडिया के साथियों को भी धमकाया जा रहा है। उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है। कांग्रेस उनके साथ है।