बाहुबली और धनबली से पटना नगर निगम चुनाव भी अछूता नहीं है। पटना में 75 वार्ड पार्षद के लिए 4 जून को वोट पड़ेंगे। लेकिन साढ़े तीन हजार के करीब गैर जमानती वारंट पुलिस को अभी भी तामिला कराना बाकी है। हालांकि, 700 वारंट तामील करा 1500 से ज्यादा गिरफ्तारियां पुलिस ने की है। जिला प्रशासन भय मुक्त मतदान के लिए 7 हजार पुलिस अधिकारी और सशस्त्र बल के जवान तैनात करने की बात कह रहे हैं।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, कुल 1008 उम्मीदवारों में से 197 आपराधिक छवि के हैं। जिन पर हत्या, हत्या की कोशिश, महिलाओं के साथ दुष्कर्म, भ्रष्टाचार जैसे संगीन आरोप है। पटना जिले में दो चरण में नगर निकाय चुनाव है। पटना नगर निगम के 75 वार्ड के लिए 4 जून को वोट डाले जाएंगे। बाढ़, मोकामा और दानापुर सब-डिवीजन में 7 जून को वोट पड़ेंगे। वोटों की गिनती 9 जून को करने का ऐलान चुनाव आयोग ने कर रखा है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने चुनाव समर में खड़े 866 उम्मीदवारों का सर्वे कराया। जिसके अनुसार 163 प्रत्याशी करोड़पति हैं। इनमें 2 नंबर वार्ड से लड़ रहे उम्मीदवार मधु चौरसिया की जायदाद 15 करोड़ रूपए से ज्यादा है। 5 प्रत्याशियों की संपत्ति 10 करोड़ रूपए से ज्यादा है। 19 उम्मीदवारों की जायदाद 5 से 10 करोड़ रूपए के बीच है। बाकी 139 करोड़पति उम्मीदवार एक से पांच करोड़ रुपए की हैसियत रखते हैं। 280 उम्मीदवारों की जायदाद 20 लाख से एक करोड़ रूपए आंकी गई है। 866 में से 49 फीसदी की हैसियत 20 लाख के नीचे है।
इससे अलग छह ऐसे भी है जिनकी पूंजी शून्य है। इनमें 27 नंबर वार्ड से जितेंद्र धनकर , वार्ड 31 से कलावती देवी , वार्ड 9 से महेंद्र पासवान , वार्ड 22 ए से राजेश्वर पासवान , वार्ड 55 से संजय कुमार श्रीवास्तव और वार्ड 62 से माला देवी है। इनलोगों ने अपने पर्चे दाखिल करते वक्त खुद अपना ब्यौरा शपथ पत्र के साथ दिया है। इन करोड़पतियों के बीच चुनाव लड़ने की हिमाकत इन्होंने की । इसी में ये अपनी जीत मान बैठे है।
यों पटना बिहार की राजधानी होने की वजह से पूरे बिहार की नजर नगर निगम चुनाव पर टिकी है। चुनाव भले ही दलगत नहीं है। राजनैतिक झंडे बैनर और इनके नेताओं को प्रचार से दूर रहने की हिदायत है। फिर भी चुनाव का लुफ्त कंबल ओढ़कर सभी उठाने की कोशिश में है।
