बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर सभी सियासी दलों ने तैयारी तेज की हुई हैं। प्रदेश में इस बार एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच मुकाबला है। एनडीए में चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस दोनों शामिल हैं। इन दोनों के बीच एनडीए की मीटिंग के बाद भी एक-दूसरे के लिए तीखे तेवर देखने को मिल रहे थे। अब मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस एक बार फिर से साथ आ सकते हैं। चिराग पासवान के एनडीए में शामिल होने के बाद दोनों नेताओं के बीच विवाद सुलझाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। अगर दोनों नेता एक साथ आते हैं तो एनडीए खेमे को भी राहत मिल सकती है।

चिराग और पशुपति के बीच मुद्दे को सुलझाने की कोशिश

जब से चिराग पासवान एनडीए में शामिल हुए हैं, उसके बाद से ही उनके और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच विवादित मुद्दों को सुलझाने की कोशिश जारी है। एनडीए में शामिल होने के बाद भी पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान ने बयान दिया था कि वह हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। दोनों नेताओं ने एक ही लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का दावा किया था।

यदि चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस के बीच सुलह जाता है तो उससे बीजेपी और एनडीए को काफी फायदा मिलेगा। इससे दोनों नेताओं के बीच विवाद भी सुलझेगा और एनडीए को फायदा भी होगा।

दिल्ली में 18 जुलाई को एनडीए की बैठक हुई थी और बैठक में भतीजे चिराग पासवान ने चाचा पशुपति कुमार पारस के पैर छुए थे। इसके बाद पशुपति पारस ने अपने भतीजे को गले भी लगाया था। लेकिन इस बैठक के बाद भी दोनों नेताओं ने हाजीपुर सीट को लेकर अपना-अपना दावा किया था।

पशुपति पारस ने किया दावा

पशुपति पारस के हाजीपुर से चुनाव लड़ने के दावे पर चिराग पासवान ने कहा था कि आप जब किसी गठबंधन का हिस्सा होते हैं तो उसकी मर्यादा ये कहती है कि यह सब बातें गठबंधन के भीतर तय होंगी। अगर गठबंधन के ही घटक दल विवाद उत्पन्न करेंगे, तो यह ठीक नहीं है।

पशुपति पारस ने दावा किया था कि वह हाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं और यहीं से अगला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। वहीं उनके दावे पर चिराग पासवान ने कहा था कि मैं बहुत छोटी सी उम्र से हाजीपुर आ रहा हूं और वहां के लोगों से मुलाकात करता हूं। यह मेरे पापा की कर्मभूमि रही है और मैं अगला चुनाव वहीं से लड़ूंगा।