बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती के एक गांव में गुजरात से आए एक फोन कॉल ने एक परिवार में कोहराम मचा दिया। कुजबन्ना गांव यानी मायके में रह रही रूखसार का पति मोहम्मद शाह आलम गुजरात में काम करता है। उसने फोन कर अपनी पत्नी रूखसार को तलाक दे दिया। फोन पर इस तरह तलाक सुनकर रूखसार के पैरों तले जमीन खिसक गई। उसे बड़ा सदमा लगा है। वो बीमार पड़ गई है। मामला 27 मार्च का है। इसका खुलासा तब हुआ जब उसके घर सरपंच और पूर्व मुखिया पहुंचे।

रूखसार की शादी साल 2010 में इशीपुर थाना क्षेत्र के वनसप्ती गांव के मोहम्मद शाह आलम से हुई थी। फिलहाल उसका चार साल का एक बेटा भी है। इस घटना से आहत रूखसार ने ऐसी प्रथा के खिलाफ आवाज बुलंद की है। उसका कहना है कि वो तलाक नहीं लेना चाहती है। उसने मोदी सरकार से ऐसी कुप्रथा पर रोक लगाने की भी मांग की है। रूखसार का कहना है कि तीन तलाक की वजह से उसके धर्म की कई महिलाओं की जिंदगी तबाह हो रही है।

बता दें, मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन ‘भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन’ (बीएमएमए) ने हाल ही में तीन तलाक की व्यवस्था को खत्म करने की मांग को लेकर देश भर से 50,000 से अधिक महिलाओं के हस्ताक्षर लिए और राष्ट्रीय महिला आयोग से इस मामले में मदद मांगी। बीएमएमए की संयोजक नूरजहां सफिया नियाज का कहना है, ‘मुस्लिम महिलाओं को भी संविधान में अधिकार मिले हुए हैं और अगर कोई व्यवस्था समानता और न्याय के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है तो उसमें बदलाव होना चाहिए।’