शुक्रवार को बिहार विधानसभा में सत्र के आखिरी दिन जमकर ड्रामा हुआ। नौबत हाथापाई तक आ गई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद बाहें चढ़ाकर वेल तक पहुंच गए। दरअसल विधानसभा में जब नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका मिला तो तेजस्वी यादव सीएम नीतीश पर निजी टिप्पणी करने लगे। सत्तापक्ष के विधायकों ने इसका विरोध किया और स्पीकर ने भी भाषा संभालने को कहा लेकिन तेजस्वी नहीं रुके। वह नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने लगे। इसके बाद नीतीश इस कदर आगबबूला हुए कि किसी ने इससे पहले नहीं देखा होगा। उन्होंने कहा, ‘यह मेरे दोस्त का बेटा है इसीलिए हर बात सुन रहा हूं।’
नीतीश कुमार ने कहा, ‘ये सब बकवास बोल रहा है। अगर ऐसी बात है तो जांच कराइए। इसके खिलाफ कार्रवाई होगी। यह सब झूठ कह रहा है। यह मेरे भाई समान दोस्त का बेटा है इसलिए सुनता रहता हूं। इसको पता है कि इसके पिता को विधायक दल का नेता किसने बनाया था? इसको डेप्युटी सीएम किसने बनाया था?’
नीतीश ने कहा, ‘हम बर्दाश्त करत रहते हैं कुछ नहीं बोलते हैं तो यह कुछ भी बोलता है। इसको एक्सप्लेन करना चाहिए। मेरे ऊपर लगे आरोप के बारे में कोर्ट का फैसला है। कोर्ट में मुझ पर दर्ज मुकदमा खारिज हो चुका है। मेरे बारे में कौन नहीं जानता है। हमारे चरित्र के बारे में इन लोगों को पता ही नहीं है। उन्होंने तेजस्वी को नसीहत देते हुए कहा, ‘अगर आगे बढ़ना है तो पहले इसको व्यवहार सीखना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘पता नहीं इसके कौन ऐडवाइजर हैं, समझ से परे हैं। यह मर्यादाहीन बात करता है जो कि सदन की परंपरा के विरुद्ध है।’
तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश पर निजी हमला करते हुए यह भी कह दिया था कि वह बेटी पैदा करने से डरते थे इसीलिए एक के बाद दूसरा बच्चा नहीं किया। इसके अलावा सुचिता की बात करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने हत्या का मुकदमा औऱ कॉन्टेंट चोरी के जुर्माने को लेकर नीतीश पर हमला किया। आरजेडी विधायकों ने तेजस्वी का बचाव करते हुए कहा कि अगर सामने वाला निजी हमले करेगा तो क्या दूसरा व्यक्ति चुप रहेगा?