बिहार विधानसभा का घेराव करने के मामले में जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और सांसद पप्पू यादव की जमानत याचिका को पटना सिविल कोर्ट ने खारिज कर दी है। जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब सांसद को फिलहाल बेऊर जेल में ही रहना होगा। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संगीता रानी ने सांसद को राहत देने से इनकार करते हुए उन्हें जेल में रहने का आदेश दिया है।
वहीं, एक अन्य मामले में भी पप्पू यादव को कोर्ट से तगड़ा झटका मिला है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम ने उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद गांधी मैदान थाने से केस डायरी मांगी है। इस मामले में सिविल कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 6 अप्रैल की तिथि निर्धारित की। साथ ही कोर्ट ने सांसद को हथकड़ी पहनाकर सुनवाई के लिए लाने पर पुलिस को फटकार लगाई। अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि सांसद को हथकड़ी नहीं पहनाई जा सकती है।
कोर्ट में पप्पू यादव खुद ही बहस कर रहे थे। उन्होंने कहा, वे सरकार की नीतियों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रर्दशन कर रहे थे, तभी पुलिस ने सरकार के इशारे पर कार्यकताओं पर लाठियां बरसाईं।
गौरतलब है कि पप्पू यादव ने बिहार विधान सभा के बजट सत्र के दौरान अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विधान सभा का घेराव का कार्यक्रम रखा था। इस दौरान आर ब्लॉक चौराहे पर पप्पू यादव के नेतृत्व में हजारों की संख्या में उनके समर्थक पहुंच गए। बाद में पुलिस और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। इसके बाद पुलिस कार्रवाई के दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई। घेराव कार्यक्रम के बाद पुलिस ने सांसद पप्पू यादव को गिरफ्तार कर बेउर जेल भेज दिया। पप्पू यादव की गिरफ्तारी का मामला संसद में भी गूंजा था। पप्पू की पत्नी और सांसद रंजीत रंजन ने सदन में अपने पति की गिरफ्तारी को लेकर सवाल खड़े किए थे। रंजीत ने इस कार्रवाई को राजनीतिक दबाव बताया है।