बिहार सरकार के तमाम अधिकारी और कर्मचारी शिवरात्रि की घोषित छुट्टी पर भक्ति भाव और पूजा अर्चना में लगे रहे मगर भागलपुर जिले के सभी सरकारी कर्मचारी अपने दफ्तरों में ही हाजिर रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दौरे की वजह से जिलाधिकारी ने इनका अवकाश रद्द कर दिया था। दरअसल, 15 फरवरी (गुरुवार) को मुख्यमंत्री कहलगांव आ रहे हैं। यहां वो बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर योजना का उद्घाटन करेंगे। बता दें कि पिछले साल 20 सितंबर को इस नहर का उद्घाटन होना था लेकिन एक दिन पहले ही 19 सितंबर की शाम को नहर की दीवार टूट गई थी और उद्घाटन टल गया था। इस योजना पर 389.36 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। नहर पर 1977 से ही काम चल रहा है। उस वक्त इसकी लागत 8 करोड़ रुपए आंकी गई थी। इस नहर से बिहार के भागलपुर जिले के कहलगांव इलाके और झारखंड के गोड्डा जिले में सिंचाई होगी।
नहर की लंबाई करीब 100 किलोमीटर है। फिलहाल बिहार में 11 किलोमीटर नहर ही बनी है। झारखंड में बननी बाकी है। बावजूद इसके उद्घाटन पंप हाउस की बटन दबा कर करा लिया जाएगा मगर नहर में पानी उदघाट्न के मौके पर नहीं छोड़ा जाएगा। इसी वजह से जल संसाधन महकमा और जिला प्रशासन कोई जोखिम नहीं उठाना चाह रहा है। पिछले चार दिन से पंप का बटन दबा नहर में पानी छोड़ने का ट्रायल भी किया गया। जहां-जहां रिसाव की शिकायतें सामने आई। वहां जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने हेलीकॉप्टर से पहुंचकर हालात का जायजा लिया। प्रधान सचिव से हरी झंडी मिलने के बाद ही मुख्यमंत्री से पंप का बटन दबवाकर उद्घाटन कराने का फैसला किया गया।
डीएम और एसएसपी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यक्रम और हिफाजत के मद्देनजर जरूरी हिदायतें जारी की हैं। कार्यक्रम स्थल पर जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा और बिहार सरकार के नियमों के तहत अलग सुरक्षा व्यवस्था का निर्देश भी दिया गया है और ताकीद किया गया है कि ड्यूटी पर तैनात मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी चौकस रहेंगे। यही वजह है कि जिला प्रशासन के अधीन सभी अधिकारी-कर्मचारी अपने ड्यूटी पर डटे रहे। छुट्टी मारे जाने और शिवरात्रि का त्योहार अपने हिसाब से न मना पाने की वजह से कई लोग मायूस भी दिखे।
