बिहार के सुपौल में एक आवासीय स्कूल की दीवार पर कथित तौर पर अपशब्द लिखे जाने और छेड़छाड़ किए जाने का विरोध करना छात्राओं के लिए मुसीबत बन गया। छात्राओं के विरोध से तिलमिलाएं मनचलों ने कथित तौर पर स्कूल में घुसकर उन्हें बुरी तरह पीटा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घटना में 55 छात्राएं घायल हो गईं, जिनमें से 34 छात्राओं को त्रिवेणीगंज के रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना सुपौल के त्रिवेणीगंज के डपरखा गांव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की है। चश्मदीदों के मुताबिक मनचलों के साथ उनके घरवालों ने भी स्कूल में घुसकर छात्राओं को पीटा। छात्राओं को पीटने के लिए आई भीड़ में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे और वे लाठी-डंडे और ईंट लेकर आए थे। त्रिवेणीगंज के एसडीएम ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिकायत आने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

त्रिवेणीगंज के एएसपी ने मीडिया से कहा, ”कुछ महिलाओं को हिरासत में लिया गया हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है। चार पुलिस थानों के एसएचओ की एक टीम रेड मारने के लिए गठित कर दी गई है। हमने अस्पताल से बात की है, उन्होंने बताया कि घायलों की हालत स्थिर है।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस आवासीय स्कूल की यह घटना है उसमें 100 के करीब छात्राएं पढ़ती है। घटना के बाद डीएम, एसपी, डीएसपी, एसडीओ, वीडीओ और थाना प्रभारी ने मौके का जायजा लिया और स्कूल की वार्डन समेत बच्चियों से बात की। बता दें कि घटना के बाद से इलाके में सनसनी फैली है। अस्पताल में भर्ती स्कूल की छात्राएं भी डरी और सहमी हुई हैं। स्थानीय मीडिया में खबर फैलने के बाद से पुलिस और प्रशासन एकदम चुस्त दिखाई दे रहे हैं।

आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने घटना को लेकर राज्य सरकार को घेरा है। तेजस्वी ने ट्वीट किया, ”बिहार में सुपौल के त्रिवेणीगंज के कस्तूरबा गांधी गर्ल्स स्कूल में घुसकर असामाजिक तत्वों द्वारा हॉस्टल में रहने वाली 34 छात्राओं को बुरे तरीके से मारा-पीटा गया है। बेखौफ गुंडों की मार से घायल सभी छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सरकार नरम है, अपराध चरम पर है।”