Bihar Elections First Phase Polling: बिहार चुनाव के पहले चरण की वोटिंग को लेकर चुनाव आयोग ने अपना फाइनल आंकड़ा जारी कर दिया है। उसके मुताबिक पहले फेज में 65.8 प्रतिशत वोटिंग हुई है, पहले ये आंकड़ा 64.6 फीसदी बताया गया था, लेकिन अब इसमें भी काफी इजाफा हुआ है। 1.2 फीसदी का ये अतिरिक्त इजाफा भी निर्णायक माना जा रहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि इस बार के चुनाव में सबसे ज्यादा वोटिंग मीना पुर में देखने को मिली है जहां पर मतदान प्रतिशत 77.62 फीसदी रहा है। इसके अलावा बोचहां (Bochahan – 91) में 76.35%, कुढ़नी (Kurhani – 93) में 75.63%, सकरा (Sakra – 92) में 75.35%, और उजियारपुर (Ujiarpur – 134) में 73.99% मतदान दर्ज किया गया। वहीं कल्याणपुर (Kalyanpur – 131) में 73.62% मतदान हुआ, बरूराज (Baruraj – 96) में 73.50%, सरायरंजन (Sarairanjan – 136) में 73.33%, पारू (Paroo – 97) में 72.62%, और समस्तीपुर (Samastipur – 133) में 72.12% मतदान दर्ज किया गया। ये टॉप 10 सीटें हैं जहां पर इस बार पहले चरण में सबसे ज्यादा मतदान हुआ है।
टॉप 10 सीटें जहां सबसे कम वोटिंग
इसी तरह दरौंदा (Daraunda – 109) में 58.90% मतदान हुआ, छपरा (Chapra – 118) में 58.61%, दानापुर (Danapur – 186) में 58.52%, एकमा (Ekma – 113) में 58.35%, शाहपुर (Shahpur – 198) में 57.11%, ज़िरादेई (Ziradei – 106) में 57.17%, दरौली (Darauli – 107) में 57.00%, बिहारशरीफ (Biharsharif – 172) में 55.09%, दीघा (Digha – 181) में 41.40%, और कुम्हरार (Kumhrar – 183) में 39.57% मतदान हुआ है। ये वो 10 सीटें हैं जहां सबसे कम वोटिंग देखने को मिली। यहां भी सबसे खराब हाल कुम्हरार सीट का रहा जहां सिर्फ 39.57% वोटिंग दर्ज की गई।
ज्यादा और कम वोट प्रतिशत का क्या मतलब होता है?
किसी भी चुनाव में ज्यादा या कम वोट प्रतिशत के कई मतलब निकाले जाते हैं। चुनावी नतीजे भी इतने अनिश्चित रहते हैं कि ज्यादा और कम वोट प्रतिशत के मायने बदल जाते हैं, लेकिन आमतौर पर देखा गया है कि अगर बंपर वोटिंग देखने को मिले, इसे ‘बदलाव की संभावना’ या फिर किसी एक के पक्ष में ‘लहर’ से जोड़कर देखा जाता है। इसी तरह अगर वोटिंग कम रह जाए तो इसे ‘जनता में उदासीनता’ और कुछ मौकों पर वर्तमान सरकार के प्रति ‘संतोष’ से जोड़कर देखा जाता है। अगर पहले चरण की वोटिंग का पूरा विश्लेषण सटीक तरीके से समझना है, असल नतीजों से पहले संभावित अनुमान जानने हैं तो तुरंत जनसत्ता की इस विशेष स्टोरी का रुख करें
