नीतीश कुमार ने बुधवार (10 अगस्त, 2022) को 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप नें शपथ ले ली। पिछले कुछ दिनों में बिहार की राजनीति में आए उतार-चढ़ाव के बाद जेडीयू ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़कर आरजेडी के साथ महागठबंधन में शामिल होने का फैसला लिया। इस बीच नीतीश कुमार की विश्वसनीयता को लेकर खूब सवाल उठ रहे हैं। उन पर आरोप लग रहे हैं कि वो हर 2 साल में अपना पाला बदल लेते हैं। इस सबके बीच एक बंगले की चर्चा भी खूब हो रही है, जिसे 2015 में उपमुख्यमंत्री के लिए बनवाया गया था। हालांकि, कोई भी उपमुख्यमंत्री इसमें अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है।
तीन में से एक भी उपमुख्यमंत्री का कार्यकाल नहीं हुआ पूरा
बंगले को लेकर कहा जा रहा है कि यह अनलकी है और अब तक तीन मुख्यमंत्री यहां रहे, लेकिन सभी को कार्यकाल के बीच में ही इसे छोड़ना पड़ा। पटना के पांच देशरत्न मार्ग पर यह बंगला स्थित है। अभी तक तारकिशोर प्रसाद यहां रह रहे थे, लेकिन अब सत्ता में आए बदलाव के बाद उनका नाम भी उन उपमुख्यमंत्रियों की लिस्ट में जुड़ गया है, जिन्हें अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाने के कारण बंगला छोड़ना पड़ा। पिछले तीन मुख्यमंत्रियों में से एक का भी कार्यकाल यहां पूरा नहीं हो सका है।
6 साल बाद तेजस्वी यादव को फिर मिला बंगले में रहने का मौका
2015 में बिहार में महागठबंधन की सरकार में तेजस्वी यादव ने यह शानदार बंगला बनवाया था। उस वक्त तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री थे और उन्हें भी अपने कार्यकाल के दो साल बाद ही बंगला छोड़ना पड़ा। राज्य में गठबंधन टूटने के बाद एनडीए की सरकार आ गई थी। हालांकि, अब 6 साल बाद फिर से उपमुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें यहां रहने का मौका मिलने जा रहा है।
एनडीए की सरकार में दो उपमुख्यमंत्रियों को कार्यकाल के बीच में छोड़ना पड़ा बंगला
2017 में गठबंधन टूटने के बाद एनडीए की सरकार आई तो सुशील कुमार मोदी उपमुख्यमंत्री बने। इसके बाद 2020 में फिर से एनडीए की सरकार आई, लेकिन सुशील कुमार मोदी को उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया।
अब तारकिशोर उपमुख्यमंत्री के तौर पर यहां रह रहे थे, लेकिन कार्यकाल के बीच में ही गठबंधन एक बार फिर टूटा और उन्हें भी बंगला छोड़ना पड़ रहा है। ऐसे में तीन उपमुख्यमंत्री यहां रहे, लेकिन 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं।