एक तरफ सोमवार को दिन में पुलिस वालों ने बिहार में नशाखोरी से दूर रहने की शपथ ली। दूसरी तरफ, शाम ढलते ही खरीक थानेदार दिलीप कुमार थाने में ही बोतल खोल बैठ गए। उन्होंने छक कर शराब पी। नौगछिया की एसपी निधि रानी को खबर मिली तो देर रात करीब 11 बजे उन्होंने थाना पहुंच कर छापा मारा। दिलीप को अस्पताल भेज मेडिकल जांच कराई। उनके शराब पीने की डॉक्टरी रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद उन्हें फौरन गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें निलंबित भी कर दिया गया है। डीआईजी विकास वैभव ने बताया कि उन्हें मंगलवार को न्यायिक हिरासत की प्रक्रिया पूरी कर जेल भेज दिया गया है। उनके खिलाफ बिहार मद्य निषेध कानून 2016 के तहत मामला दर्ज किया गया है। कर्तव्य में कोताही बरतने के आरोप में भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
सोमवार (24जून) को पुलिस महकमा ने मद्य निषेध शपथ ग्रहण दिवस मनाया है। पुलिस प्रशिक्षण केंद्र, डीआईजी दफ्तर से लेकर तमाम थाने स्तर पर सबने शराब से तौबा करने की लिखित शपथ ली है। इससे एक बात और पुख्ता हुई कि पूर्ण शराबबंदी के बावजूद बिहार में पुलिस वालों की मिलीभगत से शराब का कारोबार धड़ल्ले से फलफूल रहा है। इस बात का इशारा दो रोज पहले ही पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने अपने फेसबुक लाइव के दौरान किया था। और वैसे मुठ्ठीभर पुलिस अधिकारियों को चेतावनी भरे लहजे में आगाह भी किया था। 20 जून को डीजीपी नौगछिया भी आए थे। वह सादे लिबास में ही अचानक थाने पहुंच गए थे। उन्होंने शराबबंदी और अपराध पर काबू पाने की हिदायत दी थी। रंगरा और परबत्ता थाने के तमाम पुलिस अधिकारियों और जवानों को हटाने का आदेश दिया था। डीजीपी पांडे खुद भी शराबबंदी अभियान को सफल बनाने की मुहिम में जनजागरण अभियान चलाते रहे हैं।
थाना खरीक नौगछिया पुलिस ज़िले के तहत पड़ता है। और नौगछिया इलाका में अपराधी और शराब माफिया बेलगाम है। आए रोज हत्या, लूट की वारदात और शराब की बिक्री खुले आम हो रही है। मक्का व्यापारी, पेट्रोल पंप से इस साल पचास लाख रुपए से ज्यादा लुटे गए है। वहीं दो दर्जन से ज्यादा हत्याएं हुई है। इतवार को ही एक झोलाछाप डाक्टर पिंटू शर्मा के दस साल के बेटे मनीष कुमार की इस्माइलपुर में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी। मनीष और उसके छोटे भाई को मोटरसाइकिल पर बैठा उसके पिता घर जा रहे थे। थाना खरीक भी अपराधग्रस्त इलाके में से एक है।
