बिहार में शराब तस्करी का मामला बढ़ता ही जा रहा है। इसी कड़ी में बीते मंगलवार को पश्चिमी चंपारण के बेतिया जिले में पुलिस ने एक घोड़े को हिरासत में लिया। इस घोड़े का कथित तौर पर शराब तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जाता था। जिसके जानकारी मिलते ही पुलिस ने बिना देर किए घोड़े को हिरासत में लिया, हालांकि आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस के अनुसार, घोड़े का इस्तेमाल कथित तौर पर उत्तर प्रदेश से आने वाली गंडक नदी के दियारा बाढ़ के मैदानों में शराब की चार पेटियों की तस्करी के लिए किया जा रहा था।

भोर में तस्करी की जा रही शराब की जानकारी मिलने का बाद पुलिस ने घोड़े को हिरासत में ले लिया है। लेकिन उसका मालिक अभी भी फरार है। नौतन पुलिस थाना के एसएचओ राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस को कथित तस्करी के बारे सूचना मिली थी। पुलिस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि छापेमारी के दौरान पलिस ने एक आदमी को घोड़े के साथ देखा। लेकिन पुलिस की मौजूदगी को भांपकर अपराधी घोड़ा और शराब छोड़कर फरार हो गया।

पुलिस ने आरोपी की कर ली पहचान

पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान की जा चुकी है और उसे जल्दी ही गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस शराब और घोड़ा दोनों को थाने पर लेकर आई। पुलिस अब इस घोड़े की देखभाल का जिम्मा देना चाहती है ताकि उसकी देखभाल हो सके और जो देखरेख करने में सक्षम हो।

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एसएचओ ने कहा, “कथित शराब तस्करी की सूचना अदालत को भी दी जाएगी, ताकि आवश्यकता पड़ने पर घोड़े को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके, जैसे कि अदालत में मालिक की पहचान करने की कोशिश करते समय।” पुलिस के अनुसार, हाल के महीनों में यह दूसरी ऐसी घटना है, जब शराब तस्करी के लिए अब दोपहिया वाहनों की जगह घोड़े तेजी से इस्तेमाल होने लगे हैं।

अधिकारी ने कहा, “सड़कों पर गश्त बढ़ने के कारण तस्कर अब गंडक नदी के किनारे के इलाकों में शराब की तस्करी के लिए घोड़ों का इस्तेमाल कर रहे हैं। बाइकों की आवाज और रोशनी की वजह से लोग उन्हें पहचान लेते हैं। ऐसे में पकड़े जाने से बचने के लिए तस्कर घोड़ों को खेतों और नदी के किनारे कम पहुंच वाले रास्तों से ले जाते हैं।” उन्होंने आगे बताया कि पुलिस ने दो महीने पहले तस्करी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एक और घोड़े को जब्त किया था।