बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को एक बार फिर अपना आपा खोते नज़र आए। वे एक बार फिर बिहार विधान परिषद में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के एमएलसी पर भड़क गए। ग्रामीण कार्य विभाग से संबंधित एक मामले को लेकर चर्चा हो रही थी इस दौरान मुख्यमंत्री ने आरजेडी एमएलसी सुबोध राय को फटकार लगाई।

दरअसल विधानमंडल का बजट सत्र चल रहा है। इस दौरान आरजेडी के एमएलसी मो. फारुख ने ग्रामीण कार्य विभाग से संबंधित कुछ सवाल किए। फारुख ने खराब सड़क का मुद्दा उठाया। फारुख के सवालों का जवाब ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज दे रहे थे। इस दौरान सुबोध राय उन्हें टोकने लगे और बोलते-बोलते सुबोध खड़ हो गए। जयंत इसके पहले अपनी बात पूरी करते कि सुबोध ने दूसरा सवाल पूछना शुरू कर दिया। यह देख नीतीश नाराज़ हो गए और सुबोध पर भड़क गए।

नीतीश ने सुबोध को फटकार लगाते हुए जवाब सुनने की दी सलाह दी। नीतीश ने सुबोध से कहा कि पहले नियम जान लें। बीच में इस तरह से नहीं बोलना चाहिए, बैठ जाइए। नीतीश ने कहा कि पूरक प्रश्न का जवाब विभागीय मंत्री दें तो अच्छा है। आप पहले उनका उत्तर सुन लें। लेकिन इसके बाद भी जब सुबोध नहीं रुके तो सीएम ने सभापति से कहा कि सदस्यों को नियम की जानकारी दे।

सदन से बाहर आने के दौरान मीडिया से सुबोध ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार पर उम्र का असर हो रहा है, वो अक्सर गुस्सा जाते हैं। बता दें कुछ दिन पहले नीतीश बिजली के हालात पर कुछ कह रहे थे तब आरजेडी के एमएलसी सुनील कुमार सिंह उन्हें बार-बार टॉक रहे थे। इसपर नीतीश नाराज़ हो गए थे।

नीतीश कुमार और सुनील कुमार सिंह के बीच टकराव की स्थिति तब पैदा हुई जब मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में दावा किया कि बिहार के हर घर में सरकार ने बिजली पहुंचा दी है। इसी बीच सुनील कुमार सिंह ने नीतीश कुमार को जवाब देते हुए कहा कि बिहार में बिजली का दर सबसे ज्यादा है। इसके बाद नीतीश कुमार सुनील कुमार सिंह पर भड़क गए और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद का बिना नाम लिए हुए उन्होंने इशारों इशारों में उन पर तंज कसा।

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि “फोन-वोन आएगा ना जेलवे से, बड़ाई-वरायी होगा आपका जेलवे से। चिंता मत करिए। हम समझ रहे हैं। आप जो बिचवा में बोल रहे हैं। इसलिए बोल रहे हैं ताकि ये ना बात फैल जाए, कि हम चुप चाप बैठे हुए थे।”