Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार चुनाव को लेकर एनडीए में अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। इसकी सीट शेयरिंग की सबसे अहम कड़ी लोजपा (रामविलास) है, जिसके प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान 35- 40 सीटों की मांग कर रहे हैं। खबरें ये भी हैं कि चिराग इससे कम में मानने को तैयार नहीं है। सीट शेयरिंग को लेकर फंसे पेंच के बीच अब केंद्रीय मंत्री और बिहार प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने चिराग पासवान से मुलाकात की।
दिल्ली में हुई चिराग पासवान और धर्मेंद्र प्रधान की इस मुलाकात में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार संगठन प्रभारी विनोद तावड़े और बिहार सरकार के मंत्री मंगल पांडेय भी उनके साथ थे। 45 मिनट की यह मुलाकात सीट शेयरिंग के लिहाज से काफी अहम मानी जा रही है।
सीट शेयरिंग में क्या हैं चुनौतियां?
सियासी गलियारों में चर्चा है कि एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर जीतन राम मांझी की पार्टी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने 15 सीटों की मांग कर रही है, जबकि चिराग 35-40 सीटें मांग रहे हैं। इसके चलते सीट शेयरिंग पर काफी तनाव हो गया है। मांझी ने तो यह तक कह दिया है कि अगर उन्हें 15 सीटें नहीं दी गईं तो वे 100 सीटों पर अकेले चुनाव भी लड़ सकते हैं। इसके चलते एनडीए के लिए सीट शेयरिंग का फॉर्मूला बिठाना काफी मुश्किल होता जा रहा है।
आखिरी दौर में सीट शेयरिंग पर मंथन
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीट बंटवारे की कवायद अब अंतिम दौर में चल रही है। बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी (रामविलास) सहित सभी सहयोगी दल सीट शेयरिंग पर लगातार मंथन कर रहे हैं। अनुमान है कि बीजेपी और जेडीयू को सौ से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। वहीं चिराग पासवान की पार्टी को भी अहम हिस्सेदारी दी जा सकती है।
पिछले चुनाव में एनडीए से अलग होकर चिराग पासवान की पार्टी ने लोजपा ने जेडीयू प्रत्याशियों के खिलाफ अपना प्रत्याशी खड़ा किया था। इसका एनडीए को काफी नुकसान हुआ था। ऐसे में इस बार एनडीए चिराग पासवान को चुनाव से पहले नाराज करने का रिस्क नहीं लेना चाहिए।