बिहार में आंध्र प्रदेश से आने वाली मछलियों पर सरकार बैन लगा सकती है। दरअसल इन मछलियों में फर्मलीन की मात्रा काफी अधिक होती है जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होती। गौरतलब है कि फर्मलीन का उपयोग मछलियों के संरक्षण के लिए किया जाता है लेकिन इसके सेवन से कैंसर हो सकता है। ऐसे में जानकारी के मुताबिक सरकार मछली पर बैन लगा सकती है।
कोलकाता भेजे गए थे सैंपल: दरअसल सरकार को ऐसी सूचना मिली थी कि आंध्र प्रदेश से आयात की जाने वाली मछलियों में फर्मलीन का काफी अधिक प्रयोग किया जाता है। जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इस बात की पुष्टि के लिए अक्टूबर महीने मं 10 स्थानों से मछलियों के सैंपल लेकर कोलकाता की एक लैब में भेजे गए थे। सरकार को अब सैंपल की जांच रिपोर्ट मिल गई है। जिसका अध्यन अब पशुपालन विभाग की टीम कर रही है। गौरतलब है कि फर्मलीन का उपयोग मछलियों के संरक्षण के लिए किया जाता है।
गुरुवार को आएगी आखिरी रिपोर्ट: स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि अभी कुछ जांचें बाकी हैं। जिनके नतीजे गुरुवार तक आएंगे। रिपोर्ट के बाद ही बिहार में आंध्र प्रदेश से आयातित मछलियों पर लेक लगाए जाने के संबंध के अंतिम रूप से फैसला लिया जाएगा। वहीं इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं किया जाएगा।
कैडमियन भी होता है खतरनाक: बता दें कि कैडमियम, ई कचरे और औद्योगिक कचरे में पाया जाने वाला बेहद नुकसान पहुंचाने वाला तत्व है। मछलियां अक्सर पानी में कैडमियम युक्त भोजन करती हैं। कैडमियन से बुखार, मांस पेशियों में दर्द, ब्रांकाइटिस, निमोनिया के अलावा लीवर पर गंभीर असर पड़ सकता है। न केवल शरीर के ये अंग डैमेज हो सकते हैं बल्कि कैंसर भी हो जाता है।