बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई। (एक फरवरी, 2019) रात सीवान के दक्षिण टोला मोहल्ले में युसूफ को सीने में गोली लगी थी। हालांकि, उसे किस वजह से गोली मारी गई? यह अभी तक पता नहीं लग सका है। वह बाहुबली नेता का दूर के रिश्ते में भतीजा लगता था और इंटरनेट कैफे चलाता था। युसूफ के अलावा सूबे में दो अन्य लोगों को भी मौत के घाट उतारा गया, जिसमें मुज्जफरपुर और बक्सर की वारदात शामिल हैं।
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट्स में कहा गया कि हमलावरों ने यूसुफ को बेहद करीब से गोली मारी थी। घटना के फौरन बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल पनप गया। सूचना पर आनन-फानन में यूसुफ को नजदीक के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जानकारी पर एसपी नवीन चंद्र झा अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर गए। थोड़ी ही देर में अस्पताल के बाहर भीड़ जुटकर बवाल मचाने लगी थी। हालात काबू में रहें, लिहाजा आसपास भारी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया, जबकि पुलिस फरार अपराधियों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही है।
गैंगस्टर से राजनेता बने शहाबुद्दीन को आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव का काफी करीबी माना जाता है। पूर्व सांसद को नौ दिसंबर 2015 को हत्या के एक मामले में दोषी करार दिया गया था, जिसके बाद से वह उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। शहाबुद्दीन के खिलाफ कम से कम 63 हत्या और अपहरण के मामले दर्ज हैं।
सीवान के अलावा मुज्जफरपुर में एक ट्रांसपोर्टर और बक्सर में वॉर्ड पार्षद विजय वर्मा की हत्या भी हुई है। ऐसे में कानून व्यवस्था पर उठ रहे सवालों पर पुलिस का ऐसा बयान आया है, जिस पर विवाद हो सकता है। बिहार डीजीपी गुप्तेशवर पांडे ने कहा है कि 12 करोड़ की आबादी में ये तीन घटनाएं हुई हैं। अपराधी बचेंगे नहीं। हम उन्हें पकड़ेंगे और सजा देंगे।
बकौल डीजीपी, “मर्डर के पीछे कई कारण होते हैं। अगर अपराधी सोचते हैं कि वे वारदात के बाद कहीं चूहे की तरह बिल में घुस जाएंगे, तो हम उन्हें खींचकर बाहर निकाल लेंगे। सूबे में सुशासन का राज है। अपराध करने वाला किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”
