बिहार में विपक्षी महागठबंधन (आरजेडी, कांग्रेस, वाम दल और अन्य) में विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे के लिए अंतिम दौर की बैठक चल रही है और इस सप्ताह के आखिर में इस संबंध में घोषणा होनी की पूरी संभावना है। सीट बंटवारे की घोषणा से पहले आरजेडी और कांग्रेस जीतने लायक सीटें पाने के लिए एक दूसरे पर दबाव डाल रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि आरजेडी और कांग्रेस के बीच करीब दस सीटों पर अभी भी बातचीत जारी है।

सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि आरजेडी राज्य में 243 सीटों में से करीब 150 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। कांग्रेस को करीब 70 सीटों मिलेंगी और वाम दलों को लगभग 20 सीटें दी जाएंगी। सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव में आरजेडी को इसलिए भी बहुत अधिक सीटें मिलने की संभावना है क्योंकि उसके चुनाव चिन्ह पर विकाससील इंसान पार्टी (वीआईपी) के आधा दर्जन उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने की संभावना है। इसी तरह तीन वामपंथी दल सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई-एमएल भी अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेंगे।

बताया जाता है कि बातचीत की शुरुआत में ही तय कर लिया गया था कि सीट बंटवारा 2015 के विधानसभा चुनाव के फॉर्म्युले पर आधारित होगा। इसके अनुसार कांग्रेस को 41 और आरजेडी को 101 सीटें मिली थीं। पिछले चुनाव महागठबंधन के साथी रहे जेडीयू को भी 101 सीटें मिली थीं। ऐसे में उसके एनडीए खेमे में जाने के बाद 50 सीटें आरजेडी, 30 सीटें कांग्रेस और करीब 20 सीटें वाम दलों को मिलने की संभावना है।

इधर एक स्थानीय समाचार पत्र ने अपनी खबर में लिखा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी अपने अहम सहयोगी कांग्रेस को सिर्फ 58 सीटें ही देने की इच्छुक है। अखबार के मुताबिक आरजेडी ने कांग्रेस को दो टूक बता दिया है कि उसे 58 सीटों से अधिक सीटें नहीं मिलेंगी। हालांकि इसके साथ उसे वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट दी जाएगी, जहां उपचुनाव होना है। इसके अलावा राज्य की बाकी 185 सीटें आरजेडी, वाम दल और अन्य पार्टियां बांटने जा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस धमकी दे चुकी हैं कि अगर विधानसभा चुनाव में उसे 80 सीटें नहीं मिली तो पार्टी अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर देगी।

बता दें कि सीट बंटवारे कांग्रेस खासी सतर्कता बरत रही है क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए 12 सीटें तय गई थीं मगर बाद में उसे 9 सीटें ही मिलीं। बिहार में पहले चरण के लिए चुनाव के लिए नामांकन एक अक्टूबर से शुरू होगा। ऐसे में विपक्षी गठबंधन के सीट शेयरिंग फॉर्म्युले की घोषणा दो या तीन अक्टूबर को होने की उम्मीद है।