बिहार विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने गठबंधन को मजबूत करने और सीट बटवारे में जुटी हुई हैं। लेकिन लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने अब भी यह साफ नहीं किया है कि वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में रहकर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के साथ नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ना चाहते हैं या एनडीए से अलग होना चाहते हैं।

द इंडियन एक्सप्रेस में छपे लेख दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में जेडीयू के साथ दरार बढ़ने पर लोजपा के संस्थापक राम विलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान इस विषय में जो कुछ फैसला लेंगे, उसमें वह उनके साथ मजबूती से खड़े हैं। केंद्रीय मंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट में इस बात का भी खुलासा किया कि वह एक बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती हैं और उनका उपचार चल रहा है।

सूत्रों का कहा कि राम विलास पासवान द्वारा ये ट्वीट इस भावना से किए गए थे कि चिराग को सहयोगियों और पार्टी द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। वहीं पासवान के ट्वीट से यह साफ हो गया है कि वे चिराग के फैसले के खिलाफ नहीं जाएंगे। ऐसे में चिनाव से पहले गठबंधन को लेकर चिराग जो भी फैसला लेंगे वही आखिरी फैसला माना जाएगा।

शुक्रवार को पासवान ने ट्वीट कर लिखा “कोरोना संकट के समय खाद्य मंत्री के रूप में निरंतर अपनी सेवा देश को दी और हर सम्भव प्रयास किया कि सभी जगह खाद्य सामग्री समय पर पहुंच सके। इसी दौरान तबियत ख़राब होने लगी लेकिन काम में कोई ढिलाई ना हो इस वजह से अस्पताल नहीं गया।”

एक अन्य ट्वीट में केंद्रीय मंत्री ने लिखा “मेरी ख़राब तबियत का एहसास जब चिराग को हुआ तो उसके कहने पर मैं अस्पताल गया और अपना इलाज करवाने लगा। मुझे ख़ुशी है कि इस समय मेरा बेटा चिराग मेरे साथ है और मेरी हर सम्भव सेवा कर रहा है। मेरा ख़याल रखने के साथ साथ पार्टी के प्रति भी अपनी ज़िम्मेदारियों को बखूबी निभा रहा है।”

उन्होने कहा “मुझे विश्वास है कि अपनी युवा सोच से चिराग पार्टी व बिहार को नयी ऊँचाईयों तक ले जाएगा। चिराग के हर फ़ैसले के साथ मैं मज़बूती से खड़ा हूं। मुझे आशा है कि मैं पूर्ण स्वस्थ होकर जल्द ही अपनों के बीच आऊँगा।”