कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव में खुद के 19 सीटों पर सिमटने पर निराशा जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस की कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) इसकी समीक्षा करेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने यह भी कहा कि बिहार का जनादेश नीतीश के पक्ष में नहीं है और दोनों गठबंधनों के बीच मतों का अंतर बहुत ही मामूली है। उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘जनादेश तो मुख्यमंत्री के पक्ष में नहीं है। यह बात सही है कि दोनों गठबंधनों के बीच बहुत ही मामूली अंतर है। हमें और बेहतर करना चाहिए था।’
एक सवाल के जवाब में रमेश ने कहा, ‘मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि बिहार के लोगों ने रोजगार, पलायन और महागठबंधन की ओर से उठाए गए अन्य मुद्दों को नकारा है।’ चिदंबरम ने कहा, ‘हम बिहार में अपने प्रदर्शन से निराश हैं। मुझे भरोसा है कि सीडब्ल्यूसी इसकी समीक्षा करेगी और बयान जारी करेगी।’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘बिहार एक गरीब राज्य है। नीतीश कुमार 2005 से मुख्यमंत्री हैं। बिहार में चुनाव नतीजे बताते हैं कि जनादेश बदलाव के बहुत करीब आया। हम जनादेश को स्वीकार करते हैं।’ गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में राजग 125 सीटें हासिल करके एक बार फिर से सरकार बनाने जा रहा है। राजद की अगुवाई वाले महागठबंधन को 110 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। इस गठबंधन में 70 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस को सिर्फ 19 सीटों पर जीत मिली।


महागठबंधन ने अब तक सरकार बनाने की उम्मीद नहीं छोड़ी है। इसी के मद्देनजर गुरुवार को राजद, लेफ्ट और कांग्रेस नेताओं की गुरुवार को बैठक होगी। माना जा रहा है कि इसमें सभी बड़े नेताओं के बीच एनडीए के छोटे साथियों को रिझाने की कोशिशों पर चर्चा होगी, क्योंकि अगर एनडीए से मुकेश सहनी की वीआईपी (4 सीट) और जीतनराम मांझी की हम (4 सीट) टूटती है, तो एनडीए (125 सीट) अल्पमत में आ जाएगी, जबकि राजद (110) के पास सरकार बनाने का एक और मौका होगा। दूसरी तरफ सीएम नीतीश कुमार के कल ही कैबिनेट की बैठक बुलाने की चर्चा है। यह 16वीं विधानसभा के तौर पर अंतिम कैबिनेट की बैठक होगी। जिसमें मंत्रिमंडल को भंग किया जाएगा । इसकी सूचना राजभवन को दे दी जाएगी। इस दौरान एनडीए विधायक दल की बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को नेता चुना जाएगा। यह फैसला कल लिया जाएगा कि एनडीए की बैठक किस दिन की जाएगी।।
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 125 सीटों पर जीत हासिल कर बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल कर लिया है। अब इस पर राजद प्रमुख तेजस्वी यादव ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से पोस्टल बैलट के दोबारा गिनती की मांग की। तेजस्वी ने कहा कि हमें चुनाव में लोगों का समर्थन मिला पर एनडीए ने धन, छल और बल के जरिए चुनाव जीता। हमने 20 सीटें बेहद कम अंतर से हारीं। कई विधानसभाओ में तो 900 पोस्टल बैलट अवैध करार दे दिए गए। राजद प्रमुख ने मांग की कि जिन भी जगहों पर पोस्टल बैलट शुरुआत की जगह आखिरी में गिने गए थे, वहां फिर से इनकी गिनती होनी चाहिए। तेजस्वी ने कहा कि जदयू के नीतीश कुमार तीसरे स्थान पर गिर गए हैं। अगर उनमें थोड़ा भी विवेक बचा है, तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से लगाव छोड़ देना चाहिए। बता दें कि महागठबंधन ने कुल 110 सीटें हासिल कीं, जिसमें 75 पर राजद और 16 पर लेफ्ट पार्टियों को जीत मिली, जबकि कांग्रेस ने 70 सीटों में से सिर्फ 19 पर ही जीत दर्ज की।
बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरे राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि जनता ने बदलाव के लिए जनादेश दिया, हम हारे नहीं, जीते हैं और राजग ने धन, बल, छल से जीत हासिल की। महागठबंधन के 109 विधायकों द्वारा पटना में बृहस्पतिवार को आयोजित एक बैठक में सर्वसम्मति से गठबंधन का नेता चुने जाने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए तेजस्वी ने आरोप लगाया, ''इस चुनाव में जनता ने अपना फैसला सुनाया है और चुनाव आयोग ने अपना नतीजा सुनाया है । जनता का फैसला महागठबंधन के पक्ष में है, चुनाव आयोग का नतीजा राजग के पक्ष में है।''
बिहार चुनाव में एनडीए को बहुमत मिलने के बाद भाजपा और जदयू में टकराव की खबरें आ रही हैं। बताया गया है कि इस बार दोनों के बीच विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर तनाव पनपा है। सीएम नीतीश कुमार जदयू का स्पीकर बनाने को लेकर अड़े हैं। हालांकि, भाजपा ज्यादा सीटें लाने के एवज में स्पीकर पद अपने लिए चाहती है। लगातार जब से एनडीए की सरकार बनी तब से जदयू के ही विधानसभा अध्यक्ष होते आए हैं। 2005 से लेकर 2020 तक जदयू ने ही अपना स्पीकर दिया है।
चुनाव आयोग के प्रमुख सुनील अरोड़ा गुरुवार को महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट पहुंचे। यहां उनसे जब बिहार में हुई धीमी मतगणना पर सवाल किया गया, तो अरोड़ा ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए हर काउंटिंग डेस्क पर सिर्फ सात लोगों को ही रखा गया था, जिनकी संख्या आम दिनों पर 14 होती है। इसके लिए 33 हजार अतिरिक्त पोलिंग बूथ भी थे।
इस बार चुनाव में हुए बड़े उलटफेर में नीतीश सरकार के मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, सुरेश शर्मा, शैलेश कुमार, फिरोज अहमद, ब्रजकिशोर बिंद और जयकुमार सिंह सहित 10 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा। नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह हथुआ से चुनाव हार गए। राजद उम्मीदवार राजेश कुमार ने रामसेवक को करीब 30 हजार मतों के अंतर से पराजित किया। जदयू नेता और बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा को राजद उम्मीदवार सुदय यादव ने हराया है। इसके अलावा दिनारा सीट से राज्य के सहकारिता मंत्री जय कुमार सिंह मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट से नीतीश सरकार में नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा भी चुनाव हार गए।
राजद विधायक दल की बैठक खत्म हो चुकी है। बताया गया है कि 109 विधायकों ने तेजस्वी के नाम पर मुहर लगाई है। विधायक दल की बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। इसके बाद तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार की जनता का शुक्रिया जताया। उन्होंने कहा कि जनादेश महागठबंधन के पक्ष में था, पर चुनाव आयोग के नतीजे एनडीए के पक्ष में। यह पहली बार नहीं हुआ है, 2015 में जब महागठबंधन बना था, तब भी वोट हमारे पक्ष में थे, पर भाजपा ने सत्ता के लिए बैक डोर एंट्री कर ली।
बिहार चुनाव में हार का सामना करने वाली महागठबंधन अभी झुकने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में राजद लगातार एनडीए में शामिल छोटी पार्टियों पर डोरे डाल रही है। राजद विधायक ललित यादव ने गुरुवार को कहा कि चुनाव से पूर्व जो हमारे सहयोगी दल के लोग हमसे अलग होकर चले गए थे, अगर वो वापस आते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे। ललित यादव का इशारा ओवैसी की पार्टी, जीतन राम मांझी की पार्टी हम और मुकेश साहनी की पार्टी वीआईपी के जीते हुए विधायकों की ओर है।
उमा भारती ने राजद की ओर से सीएम पद के दावेदार तेजस्वी यादव की तारीफ की है। भोपाल में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "तेजस्वी एक अच्छा लड़का है, लेकिन वह राज्य चलाने में सक्षम नहीं हैं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव आखिरकार फिर से बिहार को जंगलराज में धकेल देते। तेजस्वी नेतृत्व कर सकते हैं, लेकिन थोड़ा और बड़ा होने के बाद।"
बिहार चुनाव में हार के बाद राजद विधायक दल की बैठक के लिए नेता राबड़ी आवास पर पहुंचने लगे हैं। आज राजद विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक होनी है। इसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होनी है। राजद विधायक दल की बैठक में राजद के जीते हुए विधायक पहुंच रहे हैं। राजद विधायक ललित यादव ने बड़ा बयान दिया है कि चुनाव से पूर्व जो हमारे सहयोगी दल के लोग हमसे अलग होकर चले गए थे, अगर वो वापस हम लोगों के साथ आते हैं तो हम लोग उनका स्वागत करेंगे।
राजद विधायक ललित यादव ने आरोप लगाया है कि वोटों की गिनती में बेईमानी की गई है। लोकतंत्र की हत्या हो गई। राजद नेता भोला यादव ने कहा कि दरभंगा में चुनाव पर प्रधानमंत्री के भाषण का असर पड़ा और वोट का पोलराइजेशन हुआ। भोला यादव हायाघाट से चुनाव हार चुके हैं।
पालीगंज के कांग्रेस नेता जनार्दन शर्मा ने आरोप लगाया है कि अच्छे कार्यकर्ताओं को चुनकर कांग्रेस में टिकट नहीं दिया गया। नतीजा सबके सामने है। अच्छे कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाता तो कुछ और बात होती। इसके लिए प्रदेश नेतृत्व जिम्मेवार हैं। राहुल गांधी इसकी जांच कराएं और दोषी पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करें।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी के लिए संघर्ष कर रहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बिहार चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए तेजस्वी यादव को सराहा है। मुफ्ती ने कहा कि चुनाव में तेजस्वी ने बांटने वाली राजनीति को मुद्दा बनाया। बता दें कि महागठबंधन ने बिहार में कुल 110 सीटें हासिल की हैं, इनमें 75 सीटें अकेले राजद लाई।
आपराधिक छवि वालों और दागी लोगों को हर राजनीतिक पार्टी ने टिकट देकर अपना उम्मीदवार बनाया। इसमें राजद सबसे पहले पायदान पर है। राजद के 75 में 54 विधायक आपराधिक छवि वाले हैं। इस मामले में दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी रही। 74 उम्मीदवार विधायक बने हैं। इनमें 47 विधायक आपराधिक छवि वाले हैं। कांग्रेस के 19 में से 16 और वामदलों के 12 में से 10 विधायक आपराधिक छवि के हैं।
रिपोर्ट के अनुसार इनमें 123 विधायकों के ऊपर हत्या, हत्या का प्रयास और बलात्कार जैसे गंभीर अपराध के मामले दर्ज हैं। इसी तरह 68 प्रतिशत ऐसे विधायक बने हैं, जिनके पर अपराध के दूसरे मामले दर्ज हैं। विधायक बने 19 लोगों पर हत्या के केस दर्ज हैं। जबकि 31 विधायकों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है। 8 ऐसे लोग भी चुनाव जीत कर विधायक बने हैं, जिनके ऊपर बलात्कार के साथ ही महिला उत्पीड़न का मामला दर्ज है।
बिहार चुनाव में जीते 241 में 194 उम्मीदवार (81%) करोड़पति हैं। यह संख्या 2015 में 243 में 162 (67%) थी। इतना ही नहीं इस चुनाव में जीते उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 4.32 करोड़ हो गई है। यह 2015 के चुनाव के बाद 3.02 करोड़ थी। मामले में राजद सबसे आगे है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के जीते 74 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 5.92 करोड़ रुपए है। जदयू के 43 जीते हुए उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 4.17 करोड़ रुपए तो भाजपा के 73 जीते हुए उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3.56 करोड़ है।
बिहार चुनाव में इस बार जीत दर्ज करने वाले विधायकों में पढ़े लिखे विधायकों की संख्या में इजाफा हुआ है। जहां 149 ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने स्नातक या इससे ज्यादा की योग्यता हासिल की है, वहीं 82 की योग्यता पांचवीं से लेकर 12वीं की शिक्षा तक की है। 9 नए विधायक साक्षर हैं और एक के पास डिप्लोमा है।
बिहार में 17वीं विधानसभा के गठन के लिए निर्वाचन आयोग 12 नवंबर की सुबह 11 बजे राज्यपाल को नए निर्वाचित सदस्यों की सूची सौंपेगा। राजभवन में सूची आने के बाद बाद ही नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि 16वीं विधानसभा की मियाद 29 नवंबर तक है। 17वीं विधानसभा के लिए एनडीए को बहुमत मिल चुका है यानी कि 29 नवंबर तक नीतीश कुमार 16वीं विधानसभा के नेता के तौर पर मुख्यमंत्री पद पर बने रह सकते हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट कर बेटे लव सिन्हा की हार का गुस्सा ईवीएम पर निकाला है। उन्होंने लिखा, "हमें आप पर गर्व है। कई लोग आपसे सीख सकते है, जब मैंने शुरुआत की तो आपने ईमानदारी, पूरी लगन के साथ काम किया। उन्होंने आगे लिखा कि यह अंत नहीं है, आगे के भविष्य के लिए शुभकामनाएं। साथ ही उन्होंने लिखा कि कल पूरी तरह से उत्साह, अपेक्षाओं, प्रत्याशा, भ्रम, चिंता और उथल-पुथल का माहौल था। प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि EVM के साथ, जो न केवल ‘चुनावी वोटिंग मशीन' नहीं, बल्कि कईयों के अनुसार ‘हर वोट मोदी' मशीन भी है।
बिहार चुनाव में एनडीए की घटक दल जेडीयू की कम सीटें आने पर राज्य में भाजपा का सीएम बनाए जाने की मांग उठने लगी है। पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग है कि बिहार की कमान अब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को सौंपी जाए। इसके लिए पंफलेट्स भी छपवाए गए हैं जिन्हे सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है। ऐसा ही एक पंफलेट एनडीटीवी के पत्रकार उमाशंकर सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
बिहार में कांग्रेस के इकलौते सांसद डॉक्टर मोहम्मद जावेद को कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। राज्य में किशनगंज से सांसद जावेद की पत्नी को भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। लगातार आठ बार कांग्रेस विधायक रहे जावेद ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की। इसके बाद किशनगंज विधानसभा सीट खाली हो गई। बाद में इस सीट पर हुए उप चुनाव में AIMIM ने डॉक्टर जावेद की मां सईदा बानो को पटखनी दी थी। इस बार किशनगंज सीट कांग्रेस के खाते में आई है और यहां से कांग्रेस के इजहारूल हुसैन ने जीत दर्ज की है। बता दें बिहार विधानसभा चुनाव में सीएम नीतीश के नेतृत्व वाले एनडीए को 125 सीटों पर जीत मिली है। वहीं विपक्षी महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं। पांच सीटें AIMIM और दो सीटें अन्यों जीती हैं।
इन चुनाव में आरजेडी को सबसे अधिक 23.11 फीसदी मत मिले। वहीं भारतीय जनता पार्टी के खाते में 19.5 फीसदी मत पड़े। एनडीए की सहयोगी जदयू 15.39 फीसदी वोट हासिल करने में सफल रही। जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 9.48 रहा। ओवैसी की पार्टी को 1.24 फीसदी वोट मिले।
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और एक बार फिर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेतृत्व वाली एनडीए अपनी सरकार बनाने में कामियाब रही। इस गठबंधन में करीब दो दशक के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने सहयोगी जेडीयू से ज्यादा सीटें जीती हैं। एनडीए को 125 सीटें मिली जबकि महागठबंधन के खाते में 110 सीटें गईं। इस चुनाव में एनडीए को 125 सीटें (भाजपा को 74, जदयू को 43, वीआईपी को 04 और हम को 4) सीट मिली हैं। वहीं महागठबंधन 110 सीटों (आरजेडी 75, कांग्रेस 19 वामदलों को 16) पर जीत मिली है। दूसरी ओर, लोजपा ने 1 और ओवेसी की एआईएमआईएम ने 5 सीटें जीतीं है। इस चुनाव में आरजेडी सबसे बड़े दल के रूप में उभरा है।
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने चिराग पासवान पर तंज कसा है। मांझी ने कहा कि चिराग जिस डाल पर बैठें और उसी डाल को काट दें तो हश्र क्या होता है। ठीक उसी प्रकार से चिराग साहब ने जिस फोल्ड में रहे उसे ही हराने और बर्बाद करने का काम किया। निश्चित तौर पर डाल तो कटी है लेकिन उसके साथ वो भी गिरे हैं और अपने चिराग से भस्म हो गए हैं। बता दें कि चिराग पासवान ने लोजपा के हारने के बावजूद कहा है कि वे भाजपा की जीत पर खुश हैं।
बलरामपुर विधानसभा सीट पर महागठबंधन के प्रत्याशी ने 53 हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल कर ली। बलरामपुर विधानसभा सीट पर कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट - लेनिनिस्ट) (लिबरेशन) के प्रत्याशी महबूब आलम को 104489 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर एनडीए का हिस्सा रही विकासशील इंसान पार्टी रही। VIP के प्रत्याशी बरुण कुमार झा को कुल 50892 वोट मिले। यह हार वोटों के लिहाज से इस चुनाव में सबसे बड़ी रही।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राजद और तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा, 'खिसियाने बिल्ली खंबा नोचे... न तो कांग्रेस अपनी सीटें बचा पाई न RJD। जनता ने इन्हें नकार दिया ये इन्हें स्वीकारना चाहिए। जनता ने नीतीश कुमार को नहीं उन्हें (तेजस्वी) थका दिया। उऩ्होंने दोहराया कि एनडीए के नेता नीतीश कुमार ही हैं औऱ वही मुख्यमंत्री बनेंगे।
बिहार उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जीत पर खुशी जताते हुए कहा- "मैं बिहार की जनता को चौथी बार NDA के ऊपर अपना विश्वास प्रकट करने के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा। हिंदुस्तान की राजनीति में बहुत कम मुख्यमंत्री होंगे जिनपर चौथी बार जनता ने भरोसा जताया हो। बिहार की जनता ने NDA गठबंधन को स्पष्ट जनादेश दिया है, इसमें कोई कन्फ्यूज़न नहीं है। कहा कि जीत गठबंधन की हुई है, कौन पार्टी कितनी सीट पर जीती इसका कोई मतलब नहीं।
बिहार में एनडीए गठबंधन की जीत के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने सड़क पर निकलकर जश्न मनाया। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोग नारे लगाते भी दिखे। हालांकि, सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर, कईयों के मुंह पर मास्क तक नहीं दिखा।
बरबीघा में जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार सुदर्शन कुमार ने कांग्रेस के गजानन शाही को महज 113 वोटों से हराया। वहीं भोरे सीट में जीत का अंतर केवल 462 था। इस सीट से जेडीयू के सुनील कुमार ने बाजी मारी। उन्होने भाकपा (माले) के जितेन्द्र पासवान को हराया।