Bihar Elections Result: बिहार चुनाव में एनडीए की आंधी चल रही है। अब तक आए अप्रत्याशित रुझानों में 190 से ज़्यादा सीटों पर एनडीए आगे है। तेजस्वी यादव का महागठबंधन 50 के आंकड़े से भी पीछे रह गया है। इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘हनुमान’ कहे जाने वाले चिराग पासवान सबसे ज़्यादा चर्चा में हैं। वे एक्स फैक्टर बनकर उभरे हैं।
चिराग पासवान की पार्टी ने इस चुनाव में जिस तरह प्रदर्शन किया है, उसने सभी को चौंकाया है। पार्टी उन सीटों पर चुनाव लड़ रही थी जिन्हें काफी मुश्किल माना गया, कई तो ऐसी भी सीटें रहीं जहां पर एनडीए का प्रदर्शन पिछले चुनावों में निराशाजनक रहा। अभी तक के रुझान बता रहे हैं कि चिराग की पार्टी 22 सीटों पर आगे चल रही है। यह आंकड़ा बताने के लिए काफी है कि चिराग का चुनावी दबदबा कम नहीं हुआ है। जितनी सीटें उन्होंने मांगी थीं, उसके लगभग बराबर एनडीए को जीतकर भी दे दी हैं।
सबसे पहले यहां जान लेते हैं कि चिराग पासवान की पार्टी ने बिहार चुनाव में किन-किन सीटों पर चुनाव लड़ा था-
| क्रम | विधानसभा क्षेत्र | उम्मीदवार |
| 1 | गोविंदगंज | राजू तिवारी |
| 2 | सिमरी बख्तियारपुर | संजय कुमार सिंह |
| 3 | दरौली (SC) | विष्णुदेव पासवान |
| 4 | गढ़खा (SC) | सीमांत मृणाल |
| 5 | साहेबपुर कमाल | सुरेंद्र कुमार |
| 6 | बखरी (SC) | संजय कुमार |
| 7 | परबत्ता | बाबूलाल शौर्य |
| 8 | नाथनगर | मिथुन कुमार |
| 9 | पालीगंज | सुनील कुमार |
| 10 | ब्रह्मपुर | हुलास पांडे |
| 11 | डेहरी | राजीव रंजन सिंह |
| 12 | बलरामपुर | संगीता देवी |
| 13 | मखदूमपुर | रानी कुमारी |
| 14 | ओबरा | प्रकाश चंद्र |
| 15 | सुगौली | राजेश कुमार उर्फ़ बब्लू गुप्ता |
| 16 | बेलसंड | अमित कुमार |
| 17 | मरहौरा | सीमा सिंह |
| 18 | शेरघाटी | उदय कुमार सिंह |
| 19 | बोधगया (SC) | श्यामदेव पासवान |
| 20 | राजौली (SC) | विमल रजवंशी |
| 21 | गोविंदपुर | विनिता मेहता |
| 22 | बोछाहा (SC) | बेबी कुमारी |
| 23 | बख्तियारपुर | अरुप कुमार |
| 24 | फतुहा | रूपा कुमारी |
| 25 | बहादुरगंज | कलीमुद्दीन |
| 26 | महुआ | संजय कुमार सिंह |
| 27 | चेनारी (SC) | मुरारी प्रसाद गौतम |
| 28 | मनेर | जितेंद्र यादव |
| 29 | कसबा | नितेश कुमार सिंह |
अब ऊपर दी गई टेबल में चिराग पासवान की एलजेपी इस समय 21 सीटों पर आगे चल रही है। वो सीटें इस प्रकार हैं- सुगौली, गोविंदगंज, बेलसंड, बहादुरगंज, कसबा, बलरामपुर, सिमरी बख्तियारपुर, बोछाहा, दरौली, महुआ, बखरी, परबत्ता, नाथनगर, ब्रह्मपुर, चेनारी, डेहरी, ओबरा, शेरघाटी, बोधगया, राजौली, गोविंदपुर। अगर इन्हीं रुझानों को असल नतीजे माना जाए तो चिराग पासवान की पार्टी की स्ट्राइक रेट अप्रत्याशित चल रही है।
29 सीटों पर लड़कर अगर 21 सीटों पर चिराग पासवान की पार्टी जीत रही है तो उनका स्ट्राइक रेट 72.41% है। ये किसी भी लिहाज से अप्रत्याशित है। मात्र 29 सीटों पर लड़कर अगर 21 सीटों पर आगे चला जा रहा है, यह बताता है कि मोदी के ‘हनुमान’ ने एनडीए को जबरदस्त मजबूती दी है।
दिलचस्प बात यह भी है कि चिराग पासवान को इस चुनाव में जो सीटें लड़ने को मिली थीं, वो काफी मुश्किल थीं। उदाहरण के लिए सिमरी बख्तियारपुर सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी के यूसफ सलाहुद्दीन जीते थे, एलजेपी के संजय कुमार सिंह तीसरे पायदान पर रह गए थे। दरौली सीट पर नजर दौड़ाएं तो सिर्फ 2010 के चुनाव में बीजेपी को जीत मिली थी, वरना 2005 से लगातार इस सीट पर CPI (ML) L का कब्जा रहा है।
इसी तरह बेलसंड सीट की बात करें तो यहां पर पिछली बार आरजेडी ने जीत दर्ज की थी। वहीं 2015 और 2010 में जेडीयू वहां जीती, लेकिन चिराग की पार्टी अब यहां से बेहतर प्रदर्शन करते हुए दिख रही है। बहादुरगंज सीट की बात करें तो 2005 से यहां एनडीए का कोई प्रत्याशी नहीं जीता है, लेकिन इस बार चिराग की पार्टी ने यहां अपनी लीड बना रखी है। कसबा सीट देखें तो वहां भी पिछले तीन चुनाव से एनडीए का सूखा चल रहा है, बीजेपी के प्रत्याशी यहां से हार रहे थे। इसे कांग्रेस का गढ़ माना जा रहा था, लेकिन मोदी के ‘हनुमान’ यहां भी बेहतर प्रदर्शन किया है।
पिछली बार बगावत कर चिराग की पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा था, सीट सिर्फ एक मिल पाई थी, कई पर जेडीयू को जरूर नुकसान पहुंचाया गया, लेकिन इस बार जब वे एनडीए के साथ मिलकर लड़े, उनका वोट भी बढ़ा, सीटें भी बढ़ीं और एनडीए का आंकड़ा भी ऐतिहासिक सीटों के करीब पहुंच गया।
बिहार चुनाव की हर सीट का नतीजा यहां
चिराग पासवान की पार्टी को पासवान, अन्य अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं। जो रुझान सामने आ रहे हैं, उनसे स्पष्ट है कि पार्टी ने अपना वोटबैंक एकजुट रखा है। सुगौली, गोविंदगंज,कसबा, बलरामपुर, बोछाहा, नाथनगर ऐसी सीटें हैं जहां पर एलजेपी के प्रत्याशी 10 हजार से भी ज्यादा वोटों की लीड लगातार बनाए हुए हैं।
जानकार मानते हैं कि अगर पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने खुद को एक ‘बागी’ के रूप में दिखाया था, इस बार के चुनाव में उन्होंने खुद को एक ‘युवा बिहारी’ नेता के रूप में स्थापित किया, बिहारी फर्स्ट वाला उनका नारा एकदम सटीक बैठा। उन्हें अपना कोर वोट तो मिला ही, इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का भी फायदा मिला। यानी कि कोर वोटबैंक प्लस मोदी मैजिक ने चिराग पासवान को इस बिहार चुनाव में सबसे बड़ा एक्स फैक्टर बना दिया है।
बिहार चुनाव: दोपहर 2:00 बजे तक की स्थिति
सत्ता में वापसी पक्की
80 सीट ज्यादा मिली
सबसे बड़ी पार्टी
दूसरी बड़ी पार्टी
मुख्य विपक्ष
बड़ा नुकसान
दोपहर 2:00 तक वृद्धि
243 में से 202 सीट
एआईएमआईएम, लेफ्ट
91/243 सीटों पर
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