बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख से एक दिन पहले सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) ने अपने 115 उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची जारी कर दी है। इस दौरान पार्टी हाईकमान ने कई मौजूदा विधायकों की टिकट काट दी है। इन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हो रही थी तब पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया।
पार्टी के बड़े नेता जब उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे थे उस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया और नारेबाजी करने लगे। कार्यकर्ता हरीनारायण सिंह और जीतेंद्र कुमार की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे थे। वहीं जिन नेताओं के टिकट काटे गए थे उनके स्मार्थकों ने भी जमकर हंगामा किया। ममता देवी ने भी जेडीयू कार्यालया में अपने समर्थकों के साथ धरना दिय। ममता हरनौत से टिकट मांग रही थी। इस दौरान एक बुजुर्ग कार्यकर्ता की एक मंत्री से बहस भी हो गई और उन्होने मंत्री ने उन्हें धक्का मार दिया।
बुजुर्ग कार्यकर्ता की मंत्री अशोक चौधरी से जमकर बहस हो गई। इस दौरान चौधरी ने उन्हें समझने की कोशिश भी की, लेकिन जब बुजुर्ग कार्यकर्ता उनकी बात नहीं माने तो मंत्री ने उन्हें धक्का देकर कार्यालय से बाहर कर दिया। जेडीयू ने 18 नये कार्यकर्ताओं पर इस बार दाव लगाया है और 10 मौजूदा विधायकों का पत्ता साफ कर दिया है।
115 उम्मीदवारों में सबसे अधिक 70 उम्मीदवार पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग से हैं। अतिपिछड़ा वर्ग को 40 टिकट बांटे गए हैं, अनुसूचित जाति को 17, अनुसूचित जनजाति को एक, पिछड़ा वर्ग को 30, मस्लिम को नौ, 16 सवर्ण और महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है।
20 फीसदी सीट महिला प्रत्याशियों को दी गई हैं। 115 प्रत्याशियों की सूची में 22 महिलाएं शामिल हैं। इन महिलाओं में 13 ऐसी महिलाएं हैं जिन्हें पहली बार टिकट मिला है। वहीं मंत्री कपिलदेव कामत, फुलपरास से गुलजार देवी, राजगीर से रवि ज्योति, बेनीपुर से सुनील चौधरी, जीरादेई से रमेश सिंह कुशवाहा, एकमा से मनोरंजन सिंह, वैशाली से राजकिशोर सिंह, सुलतानगंज से सुबोध राय, अमरपुर से जनार्दन मांझी और डुमराव से ददन पहलवान की टिकट काट दी गई है।