भाजपा ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के साथ मतभेद की अटकलों पर विराम लगाने का प्रयास करते हुए बुधवार को दावा किया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के तीनों घटक दल साथ मिलकर लड़ेंगे। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आज पार्टी मुख्यालय में एक लंबी बैठक की। इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी सहित कई नेता शामिल हुए।
बिहार चुनाव में एक महीने से भी कम का समय बचा है। ऐसे में सभी दल सीट बटवारे को लेकर अपने-अपने गठबंधन से चर्चा कर रहे हैं। ऐसे में आरजेडी पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव से आरजेडी नेता भोला यादव रांची में मिले। महागठबंधन में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय कर दिया है। इसके लिए वाम दलों के साथ उसकी लगभग सहमति बन गई है। ऐसा माना जा रहा है कि महागठबंधन प्रत्याशियों की पहली सूची जल्द जारी कर सकते हैं।
पहले चरण के तहत राज्य की 243 में से 71 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया गुरुवार को आरंभ हो जाएगी, जो आठ अक्टूबर तक चलेगी। लोजपा नेता चिराग पासवान ने संकेत दिए हैं कि यदि सीटों का ‘‘सम्मानजनक’’ बंटवारा नहीं हुआ तो वह राज्य की 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है।
भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा कि सभी घटक दलों से सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत हो रही है और जल्द ही इस बारे में फैसला ले लिया जाएगा। भाजपा और लोजपा के अलावा जनता दल (यूनाइटेड) राजग के घटक दल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में विकास के कई काम हुए हैं और हम इसी आधार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। भाजपा, जद(यू) और लोजपा मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे। जीतन राम मांझी, जिन्होंने जद(यू) से हाथ मिलाया है, वह भी साथ रहेंगे। हम तीन-चौथाई बहुमत से फिर से सरकार बनाएंगे।’’
भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा कि सभी घटक दलों से सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत हो रही है और जल्द ही इस बारे में फैसला ले लिया जाएगा। भाजपा और लोजपा के अलावा जनता दल (यूनाइटेड) राजग के घटक दल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में विकास के कई काम हुए हैं और हम इसी आधार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। भाजपा, जद(यू) और लोजपा मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे। जीतन राम मांझी, जिन्होंने जद(यू) से हाथ मिलाया है, वह भी साथ रहेंगे। हम तीन-चौथाई बहुमत से फिर से सरकार बनाएंगे।’’
महागठबंधन में दरार पड़ती नजर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नौबत यहां तक आ गई है कि दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ें। इसके मुताबिक कांग्रेस ने सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की दिशा में कदम बढ़ा लिया है। उम्मीदवारों के नामों की सूची तैयार की जा रही है। एक न्यूज चैनल ने अपने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। दरअसल सीटों की संख्या के बाद सीटों के नाम (विधानसभा) को लेकर मामला फंस गया। आरजेडी 73-75 सीटें कांग्रेस को देने के लिए तैयार है लेकिन इसमें से 10 सीटें शहरी इलाके में यानी अर्बन सीटें हैं। हालांकि, कांग्रेस इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं है।
कांग्रेस ने बाबरी विध्वंस मामले में विशेष सीबीआई अदालत के फैसले को लेकर बुधवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी। साथ ही, पार्टी के कई नेताओं ने दावा किया कि भाजपा के प्रयास करने पर भी इस मुद्दे का बिहार विधानसभा चुनाव में असर नहीं होगा। फैसला आने के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह पिछले साल आये उच्चतम न्यायालय के निर्णय के प्रतिकूल है और संविधान, सामाजिक सौहार्द व भाईचारे में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद करता है कि इस "तर्कविहीन निर्णय" के विरुद्ध प्रांतीय व केंद्र सरकार उच्च अदालत में अपील दायर करेगी।
कोरोना महामारी के बीच चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय जनता दल ने मतदाताओं का बीमा कराने की मांग की है। पार्टी के नेता व राज्यसभा सांसद मनोज झा ने यह बात चुनाव आयोग के साथ हुई बैठक में कही। झा ने कहा कि कोरोना के डर से मतदान प्रतिशत कम होने की आशंका है। ऐसे में आयोग को लोगों के मन से डर दूर रखने के लिए यह कदम उठाना चाहिए।
बिहार विधानसभा चुनाव में कौन सी पार्टी किसके साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी और कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा यह भी अभी तय नहीं हो पाया है। सीट बंटवारे को लेकर एनडीए और विपक्षी महागठबंधन दोनों ही जगह घमासान मचा हुआ है. इस बीच एनडीए को लेकर बीजेपी नेता और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने बड़ा बयान दिया है। भूपेंद्र यादव ने कहा है कि एलजेपी, बीजेपी और जेडीयू तीनों मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। सीट बंटवारे का फैसला दो से तीन दिन में हो जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
बीजेपी एनडीए को टूट से बचाने और एलजेपी के एनडीए से अलग होकर जदयू से संभावित किसी भी त्रिकोणीय मुकाबले को रोकने के लिए चिराग पासवान से सीट शेयरिंग पर बातचीत कर रही है। आपको बता दें कि चिराग पासवान जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुखर आलोचक रहे हैं और उन्होंने यह भी सुझाव दिया था कि भाजपा को सीटों का एक हिस्सा मिलना चाहिए।
एनडीए में सीट बंटवारे का फार्मूला लगभग तय हो गया है। ऐसे में एलजेपी की नाराजगी एनडीए के लिए बड़ी परेशानी है। एलजेपी को इस फार्मूले के लिए सहमत होना होगा क्योंकि गठबंधन के शेष सहयोगियों के लिए भी सीट पर विचार करना है। सीट आवंटन और टिकट वितरण का कार्य करते समय एनडीए में शामिल हम और राजद के कुछ ऐसे नेता जिन्होंने पिछला चुनाव जीता था उन पर भी विचार करना है।
बीजेपी नेतृत्व ने ये ऐलान कर दिया है पार्टी कार्यकर्ता सभी सहयोगियों के लिए भी चुनाव प्रचार करेंगे और इस चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार चुनाव के दो चेहरे होंगे। पार्टी कैडर के सुझाव के मुताबिक चूंकि इस बार जेडीयू के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है इसलिए बीजेपी को अधिक सीट न मिले तो कम से कम बराबर संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
सीट शेयरिंग से जुड़े एनडीए के एक नेता के अनुसार, शुरुआती दौर की चर्चा के बाद भाजपा के कैडर का सुझाव है कि जेडीयू और बीजेपी दोनों को 105 से 110 के बीच सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए और बाकी बची सीट को सहयोगियों के बीच विभाजित करना चाहिए। वहीं जदयू कैडर इस बात पर जोर दे रहा है कि पार्टी के पास एक सीट ही सही लेकिन भाजपा से अधिक सीटें होनी चाहिए।
कांग्रेस बीते लोक सभा चुनाव के अपने अनुभवों के कारण कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। उस चुनाव में कांग्रेस को 18 सीटों का वादा कर केवल नौ सीटें दी गईं थीं। कांग्रेस से आरजेडी ने राज्यसभा की एक सीट देने का वादा भी पूरा नहीं किया था।
आरजेडी व कांग्रेस के बीच 10 और सीटों को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। आरजेडी 150 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना रही है। उसे विकासशील इनसान पार्टी के करीब आधा दर्जन प्रत्याशियों को भी अपने सिंबल पर ही चुनाव मैदान में उतारना है।
आरजेडी ने अपनी तरफ से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले को 13, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को छह और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को चार सीटों का ऑफर किया है। कांग्रेस को 60 विधानसभा तथा एक लोकसभा सीट का ऑफर दिया है। हालांकि, कांग्रेस 70 विधानसभा सीटों से कम पर तैयार नही है। सीपीआइ एमएस माले भी 17 सीटों की मांग पर अड़ी है। बताया जा रहा है कि सीटों के अपने फॉर्मूले के अनुसार आरजेडी कांग्रेस सहित महागठबंधन के अन्य घटक दलों से बातचीत जारी रखे हुए है।
आरजेडी पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव से आरजेडी नेता भोला यादव रांची में मिले। महागठबंधन में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय कर दिया है। इसके लिए वाम दलों के साथ उसकी लगभग सहमति बन गई है। ऐसा माना जा रहा है कि महागठबंधन प्रत्याशियों की पहली सूची जल्द जारी कर सकते हैं।
मनमानी सीटें मिलने के बाद भी कांग्रेस नाराज़ है। मामला सीटों की संख्या के बाद सीटों के नाम पर फंस गया है। सूत्रों की मानें तो आरजेडी 73-75 सीटें कांग्रेस को देने के लिए तैयार है लेकिन इसमें से 10 सीटें शहरी इलाके में यानी अर्बन सीटें हैं। यानी 10 अर्बन सीटों की शर्त के साथ आरजेडी कांग्रेस को 73-75 से सीटें देने के लिए राजी है लेकिन कांग्रेस को ये मंजूर नहीं. कांग्रेस को लगता है कि इन शहरी सीटों पर मैदान में उतरना फायदे का सौदा नहीं रहेगा। इन 10 सीटों पर कैडर उस तरह से तैयार नहीं हैं और अगर ऐसे में पार्टी यहां चुनाव लड़ने में हामी भरती है तो नुकसान होगा।
हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी और आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन का साथ छोड़ चुके हैं। मांझी नीतीश कुमार से जाकर मिल गए और कुशवाहा अब बीएसपी के साथ गठबंधन में बिहार का चुनाव लड़ेंगे।
महागठबंधन में कांग्रेस सीट बंटवारे की प्रक्रिया से नाखुश दिखाई दे रही है। महागठबंधन में सीट शेयरिंग से नाखुश कांग्रेस पार्टी ने बिहार के अपने शीर्ष नेताओं को बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया है। महागठबंधन में अगुआ आरजेडी का कहा है कि हम कांग्रेस से अपनी मांगों में यथार्थवादी होने की अपील करते हैं। महागठबंधन के साथ हमने अपनी सीटों में कटौती की है। कांग्रेस पार्टी की जिद से महागठबंधन की संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
बिहार चुनाव की रणनीति को लेकर आज चिराग पासवान की अध्यक्षता में एलजेपी की अहम बैठक होगी। बैठक सीटों के लेकर कोई अहम फैसला हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा ने एलजेपी को 27 सीटों का ऑफर दिया और एलजेपी 36 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।
बिहार चुनाव में पहले चरण का नामांकन शुरु होने में अब सिर्फ दो दिन का समय बाकी है लेकिन अभी तक ना तो एनडीए में और ना ही राजद नीत महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर अंतिम सहमति बन पायी है। नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार को पार्टी की कोर कमेटी की बैठक की थी। वहीं दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोजपा प्रमुख चिराग पासवान से मुलाकात की। ऐसी खबरें आ रही हैं कि नड्डा ने लोजपा को 27 सीटों की पेशकश की है, जिस पर चिराग पासवान ने पार्टी नेताओं से बात करने की बात कही है। वहीं लोजपा के प्रधान महासचिव शाहनवाज कैफी ने बयान दिया है कि उनकी पार्टी 143 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। कैफी ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की यही इच्छा है लेकिन अंतिम फैसला चिराग पासवान ही करेंगे। चिराग पासवान जदयू और सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं।
राष्ट्रीय लोकतांत्रितक समता पार्टी सूत्रों ने कहा कि राजग में शामिल न तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और न ही भाजपा रालोसपा की राजग में वापसी के विरोधी थे पर लोजपा की संभावनाओं पर अनिश्चितता और भगवा पार्टी का आग्रह था कि बिना सीटों की गारंटी के दबाव के वह गठबंधन में शामिल हो जाएं।
चुनाव आयोग के तीनों शीर्ष अधिकारी बुधवार को पुलिस अधिकारियों समेत विभिन्न पक्षों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। वे एक अक्टूबर को दिल्ली लौटने से पहले बिहार में कुछ स्थानों का दौरा भी करेंगे। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 10 नवंबर को होगी।
देवघर के जिला उपायुक्त ने पड़ोसी राज्य बिहार में होने वाले चुनाव को देखते हुए जिले के अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने और सीमावर्ती क्षेत्रों में भयमुक्त वातावरण बनाने के लिए अपराधियों के खिलाफ सघन छापेमारी करने के निर्देश मंगलवार को दिये।
बिहार का भागलपुर जिला अपने रेशम और खादी के कपड़ों की गुणवत्ता के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां के लोगों का पश्चिम बंगाल के चंद्रकांता खादी के प्रति झुकाव देखते हुए व्यापारियों
केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी इस बात पर विचार-विमर्श कर रही है कि बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की पेशकश को स्वीकार किया जाए या फिर 143 सीटों पर चुनाव लड़ने की अपनी योजना पर आगे बढ़ा जाए। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने मुख्य निर्वाचन सीइसी आयुक्त सुनील अरोड़ा के नेतृत्व में टीम बिहार पहुंच चुकी है। आयोग की टीम चुनावी तैयारियों का जायजा लेगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि टीम चुनाव की तैयरियों का रिव्यू करने आई है।
बिहार चुनाव से पहले पप्पू यादव अपने नए धड़े प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन को मजबूत करने में जुट गए हैं। इस क्रम में उन्होंने पटना में वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर से मुलाकात की है। प्रकाश अंबेडकर ने सोमवार को घोषणा की कि वे बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के खिलाफ लड़ने के लिए समान विचारधारा वाले धर्मनिरपेक्ष दलों से हाथ मिलाएंगे। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वह पप्पू यादव से हाथ मिला सकते हैं।
राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस व वामपंथी दलों समेत कई अन्य घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग पर बातचीत अंतिम चरण में है। हालांकि कांग्रेस की 80 से अधिक सीटों पर दावेदारी से आरजेडी की मुश्किले बढ़ गई हैं। इस बीच कई दौर की बातचीत के बाद यह भी तय हो गया है कि वाम दल महागठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे।
नवादा विधानसभा सीट पर तीन दशक से पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव और वर्तमान विधायक कौशल यादव के परिवारों का ही कब्जा है। कुल मिलाकर कहा जाए तो दो परिवारों का नवादा सीट पर दबदबा रहा तो गलत नहीं होगा। आकंड़ों पर नजर डाले तो साफ हो जाता है कि इन्हीं दो परिवार ने यहां से विधानसभा तक का सफर तय किया है। नवादा विधानसभा क्षेत्र से सन 1990 में कृष्णा प्रसाद ने भाजपा से चुनाव जीता था। बाद में वह लालू की पार्टी राजद में शामिल हो गए। 1992 में सड़क हादसे में उनकी मौत के बाद छोटे भाई राजवल्लभ यादव ने उनकी विरासत को संभाला।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राजद के उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल हो गई है। राजद के सूत्रों की तरफ से यह जानकारी सामने आई है। हालांकि इस सूची को लालू प्रसाद यादव की मंजूरी मिलने के साथ ही सार्वजनिक कर दिया जाएगा।
2015 के विधानसभा चुनाव में लालू-नीतीश की जोड़ी ने भोजपुर के सातों विधानसभा क्षेत्रों पर कब्जा जमाया था। उस समय यहां से भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया था। सात सीटों में में से पांच राजद, एक माले और एक जदयू को मिली थी। लेकिन इस बार भाजपा और जदयू मिलकर चुनावी मैदान में है तो चुनावी तस्वीर कुछ अलग दिखाई दे सकती है।
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस-आरजेडी में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान बढ़ गई है। कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष मदनमोहन झा और विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह को बुधवार को दिल्ली बुलाया है। ये दोनों नेता कल तीन बजे कांग्रेस स्क्रीनिंग कमिटी की बैठक में शामिल होंगे।
करीब दो साल पहले लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से हाथ मिलाने के अपने फैसले का बचाव करते हुए रालोसपा प्रमुख जिन्होंने हाल ही लालू के छोटे पुत्र और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था, ने कहा कि वह महागठबंधन में शामिल केंद्र में एक वैकल्पिक सरकार के गठन में मदद करने के लिए हुए थे न कि बिहार में राजद की नयी सरकार बनाने में मदद करने के लिए।
बिहार का भागलपुर जिला अपने रेशम और खादी के कपड़ों की गुणवत्ता के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां के लोगों का पश्चिम बंगाल के चंद्रकांता खादी के प्रति झुकाव देखते हुए व्यापारियों ने आगामी बिहार चुनावों के लिए सामान मंगाना शुरू कर दिया है। बिहार में 2015 में हुये विधानसभा चुनावों के दौरान चंद्रकांता खादी की जबरदस्त बिक्री हुयी थी, इससे व्यापारी इस बार भी आशा लगो हुए हैं। बिहार में राजनेता और उनके समर्थक बंगाल के हल्की चंद्रकांता खादी से बने धोती, कुर्ता, पायजामा, टोपी, बंडी और गमछा पहनना पसंद करते हैं।
बिहार में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर स्थिति अभी तक साफ नहीं हो सकी है। इस बीच आरजेडी के राज्य सभा सांसद मनोज झा ने कहा है कि कांग्रेस को हठधर्मिता छोड़ देनी चाहिए। झा ने कहा कि 1 अक्तूबर को पहले चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होगी ऐसे में अब तक स्वरूप साफ हो जाना चाहिए था। मालूम हो कि कांग्रेस 80 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है। वहीं, आरजेडी इसके लिए तैयार नहीं है।
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा है कि उनका गठबंधन राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। अभी नए गठबंधन का नाम नहीं रखा गया है। उन्होंने ये भी कहा कि बिहार का विकास चाहने वाले लोगों का गठबंधन में स्वागत है।