कोविड-19 के खौफ के बीच बिहार में चुनावी गतिविधियां परवान चढ़ रहीं हैं। सभी राजनीतिक पार्टियों ने एक-दूसरे पर पासा फेंकना शुरू कर दिया है। इसी बीच एनडीए के बाद अब महागठबंधन में भी घमासान शुरू हो गया है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ बगावत कर दी है।

कुशवाहा ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले विपक्षी महागठबंधन में तेजस्वी यादव के नेतृत्व को स्वीकारने से माना कर दिया है। कुशवाहा ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी सभी विकल्पों को खुला रख रही है और आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। कुशवाहा ने यह भी संकेत दिया है कि उनके विकल्पों में बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन भी शामिल है। वे एनडीए में एक बार फिर वापसी कर सकते हैं, जिसे उन्होंने दिसंबर 2018 में छोड़ दिया था।

वहीं दूसरी तरफ आरजेडी का कहना है कि तेजस्वी ही उनके नेता है। इसपर कोई विचार करने का सवाल ही नहीं बनता। पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि तेजस्वी प्रसाद यादव महागठबंधन के सीएम चेहरा होंगे। इस पर कोई बहस नहीं हो सकती। यह कुशवाहा पर निर्भर है कि वे हमारे साथ रहें या गठबंधन छोड़ दें।

सूत्रों के मुताबिक जेडीयू ने कुशवाहा को वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है, जो फरवरी में जेडीयू के प्रतिनिधि बैद्यनाथ महतो की मृत्यु के बाद खाली हो गई थी। आरएलएसपी को विधानसभा चुनावों में पाँच से सात सीटों की पेशकश की गई है।

राज्य की राजधानी में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, गुरुवार को कुशवाहा ने कहा “हम तेजस्वी को महागठबंधन के नेता के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे। हम राजद से नेता के रूप में किसी को भी स्वीकार कर सकते हैं लेकिन तेजस्वी को नहीं। जब मैं मैदान में जाता हूं तो लोग तेजस्वी के नेतृत्व पर संदेह जताते हैं। ”

विधानसभा चुनावों में आरएलएसपी ने सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है, कुशवाहा ने कहा, “जो लोग हमारे साथ आना चाहते हैं, उनका स्वागत है।” राज्य चुनाव में संभावित तीसरे मोर्चे को आगे बढ़ाने के लिए विकशिल इन्सान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश साहनी और जन अधिक्कार पार्टी प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव से भी बातचीत कर रही है।