बिहार चुनाव के नतीजे आने में अब सोर्फ एक दिन बचा है। ज़्यादातर एग्ज़िट पोल के नतीजों एनडीए गठबंधन के खिलाफ आए हैं ऐसे में बीजेपी में खलबली मची हुई है। कई नेताओं ने इसके लिए टिकट वितरण और खराब रणनीति को जिम्मेदार ठहराया है। इसी बीच मतगणना से पहले कांग्रेस ने पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला को फिर से पटना भेजा है।

द इंडियन एक्सप्रेस में छपे लेख दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के अनुसार बिहार के एआईसीसी प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल कोरोना की चपेट में आ गए हैं। जिसके बाद कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला को मतगणना के बाद की स्थिति संभालने के लिए पटना भेजा है। एक महीने तक पटना में चुनाव प्रचार करने के बाद पिछले सप्ताह ही सुरजेवाला दिल्ली वापस लौटे थे। वह कांग्रेस के उन नेताओं में से एक हैं, जिनकी राहुल गांधी तक सीधी पहुंच है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता अविनाश पांडे को भी सोमवार को पटना आने के लिए कहा गया है। अधिकांश एग्जिट पोल में विपक्षी गठबंधन को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है जिसके लिए कांग्रेस बेहद उत्साहित है। सुरजेवाला ने कहा कि एग्जिट पोल में हमें आगे दिखाया गया है। हमने पूरी मेहनत से कार्य किया है। बिहार में नई और मजबूत सरकार बने, किसानों की सरकार बने। उन्होंने कहा कि इस बार जाति और धर्म का बंधन बिहार तोड़ेगा। बीजेपी ने नफरत की दीवार देश में खड़ी की है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एक थकी हारी भाजपा और जदयू की सरकार ने बिहार को बदहाली में पहुंचा दिया था। अब एक नई युवा सरकार के लिए जनता ने वोट डाला है। वहीं एग्ज़िट पोल नतीजों के बाद बीजेपी में खलबली मची हुई है। पार्टी के नेता एक-दूसरे को टिकट वितरण, जाति संयोजन योजना और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दूरी बनाए रखने की शुरुआती रणनीति को लेकर आरोप लगा रहे हैं। पार्टी के एक तबके का मानना है कि अकेले चुनाव लड़ने से पार्टी को मददा मिलती। वहीं दूसरों का कहना है कि गठबंधन के भीतर भ्रम की स्थिति से नुकसान हुआ है।

यह हार पार्टी प्रमुख जे पी नड्डा के लिए बुरी खबर होगी, जो अगले साल पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु और केरल में भाजपा का नेतृत्व करने वाले हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अगर एक्जिट पोल की भविष्यवाणियां सच होती हैं तो आत्मनिरीक्षण के लिए कहा जा सकता है।

पटना पहुंचने के बाद सुरजेवाला ने एनडीए गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के युवाओं की आशा खत्म हो गई थी, किसानों की उम्मीद खो गयी थी। सत्ता में बदलाव की आश से युवाओं और किसानों में नई उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा कि बिहार ने हमेशा राजनीति बदली है। महागठबंधन बिहार की जरूरत के लिए काम करेगा।