Bihar News: बिहार के शिक्षा मंत्री (Bihar Education Minister) प्रोफेसर चंद्रशेखर (Professor Chandra shekhar) ने राम चरित मानस (Ram Charit Manas) पर की गई विवादित टिप्पणी (Controversial Comment) पर माफी मांगने से इनकार (Deny to Appolozige) कर दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने गुरुवार को अपना बयान फिर से दोहराते हुए इस बात का दावा किया कि “महाकाव्य रामायण पर आधारित रामचरित मानस समाज में नफरत (Hate) फैला रही है।” उन्होंने ये भी कहा कि रामचरित मानस के कुछ भाग में समाज की कुछ जातियों (Cast) के भेदभाव को प्रचारित करता है।
इस बयान को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस बीच शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता विनीत जिंदल ने नई दिल्ली में पुलिस शिकायत दर्ज कराई है।
CM नीतीश कुमार ने कहा मुझे नहीं पता
न्यूज एजेंसी एएनआई ने जब उनसे पूछा कि राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी आपसे पूछ रही है कि आप अपने इस विवादित बयान के लिए माफी मांगेंगे? तो इस पर उन्होंने कहा कि भगवाधारियों को जिसे तथ्यों की जानकारी नहीं है उन्हें माफी मांगनी चाहिए। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, जब मैं उनसे बात करूंगा तब इस विषय पर कुछ बोलूंगा।
BJP ने कहा बयान पर माफी मांगे शिक्षामंत्री
वहीं राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने नीतीश के मंत्री को इस विवादित बयान पर घेर लिया है। बिहार सरकार में पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि बिहार के शिक्षामंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वहीं केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बिहार के शिक्षामंत्री के इस विवादित बयान पर कहा, ‘रामचरित मानस के बारे में जिसने कहा उन्हें ज्ञान सीखने की आवश्कता है। उन्होंने करोड़ों लोगों की श्रद्धा पर जो चोट पहुंचाया है ये सनातन धर्मावलंबी कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्हें देशवासियों से माफी मांगना चाहिए।’
ये था पूरा मामला
नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में बुधवार को छात्रों को संबोधित करते हुए बिहार के शिक्षामंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने इस बात का दावा किया कि ‘रामचरितमानस’ और ‘मनुस्मृति’ समाज को बांटते हैं। मंगलवार को दीक्षांत समारोह के दौरान मंत्री ने कहा था, “रामचरितमानस का विरोध क्यों किया गया? इसमें कहा गया है कि निचली जातियों के लोग शिक्षा प्राप्त करने के बाद सर्प की तरह खतरनाक हो सकते हैं।”
चंद्रशेखर ने कहा, “भगवा विचारक गुरु गोलवलकर की मनुस्मृति, रामचरितमानस, बंच ऑफ थॉट्स नफरत फैलाते हैं। प्यार, नफरत नहीं, देश को महान बनाता है।” उन्होंने कहा है कि मनुस्मृति और रामचरितमानस जैसे श्रद्धेय हिंदू ग्रंथ दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों और शिक्षा प्राप्त करने वाली महिलाओं के खिलाफ हैं।