बिहार के मुख्यमंत्री इन दिनों अपने पहले कार्यकाल के दौरान वाले रूप में दिख रहे हैं। सीएम नीतीश आजकल फिर से जनता दरबार लगा रहे हैं और जनता की समस्याओं को सुनते हुए फैसला भी ऑन स्पॉट भी कर रहे हैं। ऐसे ही एक जनता दरबार में जनता की समस्याओं को देखकर सीएम अफसरों पर बिफर गए।
दरअसल हुआ यूं कि जनता दरबार में लोक शिकायत निवारण कानून के तहत हुए फैसले का अनुपालन नहीं होने से संबंधित कई मामले उनके पास आ गए। एक के बाद एक कई मामले सामने आने के बाद सीएम नीतीश गुस्सा हो गए और फरियादी के सामने ही मुख्य सचिव और विकास आयुक्त को बुलवा लिया।
गुस्साए नीतीश ने सबके सामने ही मुख्य सचिव समेत संबिधित अधिकारी को फटकार लगा दी। सीएम ने कहा कि सुन लीजिए चीफ सेक्रेट्री साहब, सुबहानी जी को भी बुला लीजिए। देखिए एक और मामला आया है।
मुजफ्फरपुर से आए एक फरियादी ने कहा कि सर डीसीएलआर कार्यालय में बिना पैसा लिए काम नहीं होता है। जब हमने अधिकारियों से कहा कि हम जा रहे हैं सीएम से शिकायत करने तो उन्होंने कहा कि सीएम के पास जाओ या पीएम के पास कुछ नहीं होने वाला है। इसके बाद सीएम ने संबंधित विभाग को कार्रवाई करने के लिए कहा।
एक बुजुर्ग ने बताया कि उसने पत्नी के नाम पर जमीन ली थी। जमीन भू-अर्जन में चली गई। आरटीपीएस के तहत फैसला भी हुआ लेकिन आजतक मुआवजा नहीं मिला है। इसी तरह से एक युवक ने बताया कि वो अपने दादा जी का वारिस है, लेकिन अभी तक उसके हिस्से की जमीन उसे नहीं मिली है। थक हारकर वो जनता दरबार में आया है।
सीएम ने अधिकारियो ने कहा कि वो जल्द ही लोक निवारण कानून के तहत हुए फैसलों को देखें, कहां पालन नहीं हो रहा है। उसकी एक रिपोर्ट बानकर उन्हें दें। वो खुद इस मामले को देखेंगे।