बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या के बाद माहौल बदल गया है। इस मामले में जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह की गिरफ्तारी हुई है। वहीं अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि एफआईआर हुआ, तभी गिरफ्तारी हुई।

किसे मिलेगा चुनावी फायदा?

बृजभूषण शरण सिंह पत्रकारों से बात कर रहे थे। इसी दौरान अनंत सिंह की गिरफ्तारी को लेकर उनसे सवाल पूछ लिया गया। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मुझे लगता है दुलारचंद यादव की हत्या अनंत सिंह ने नहीं की है। उन्होंने कहा कि एफआईआर हुआ, तभी गिरफ्तारी हुई और मुझे लगता है इसका चुनावी फायदा अनंत सिंह को ही मिलेगा।

क्या है मामला?

30 अक्टूबर को मोकामा के टाल इलाके में दो उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें दुलारचंद यादव की हत्या हो गई थी। प्रारंभिक जांच में पता चला कि घटना के समय अनंत सिंह मौके पर मौजूद थे और उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन किया था।

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अनंत सिंह के जेल जाने के बाद अब उनके चुनाव प्रचार की कमान केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने संभाली है। ललन सिंह मुंगेर लोकसभा सीट से सांसद हैं। इसी के अंतर्गत मोकामा विधानसभा सीट भी आती है।

जेल से जीत पाएंगे ‘छोटे सरकार’?

अनंत सिंह मोकामा विधानसभा सीट से 2005 से विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं। वह पांच बार इसी सीट से विधायक रह चुके हैं। वहीं 2020 में उन्होंने राजद के टिकट पर मोकामा से जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्हें एक मामले में सजा सुनाई गई, जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई। 2022 में मोकामा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ, तो अनंत सिंह ने अपनी पत्नी नीलम देवी को उतार दिया। अनंत सिंह जेल में थे और नीलम देवी यह चुनाव जीत गई। इस बार भी हालात ऐसे ही लग रहे हैं क्योंकि अनंत सिंह वोटिंग के दिन भी जेल में ही रहेंगे। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि क्या ‘छोटे सरकार’ के नाम से मशहूर अनंत सिंह जेल से जीत पाएंगे?