भोपाल के आयकर विभाग की बेनामी प्रॉपर्टी विंग ने दो बिल्डरों की 22.5 एकड़ की जमीन जब्त की है। इस जमीन की कीमत बाजार में 25 करोड़ के आस-पास बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि यह जमीन एक आदिवासी की थी, जिसे बिल्डर परिवार ने खरीदा था। आदिवासी का नाम कल्याण सिंह है। बता दें कि आदिवासियों की जमीन को सीधे तौर पर नहीं खरीदा जा सकता इसलिए इसे खरीदने के लिए कल्याण नामक एक अन्य आदिवासी की मदद ली गई। कल्याण अशोक नगर के मेमोन गांव में रहता है। वह सहरिया जनजाति से ताल्लुक रखता है। कल्याण बिल्डर परिवार के यहां खेती का काम करता है।
ऐसे हुआ शकः आयकर विभाग द्वारा की गई जांच में पता चला कि आदिवासी कल्याण बीपीएल कार्ड धारक है। यह कार्ड केवल उन्ही लोगों को जारी होता है जो गरीबी रेखा के नीचे होते हैं। उसमें उसकी मासिक आय 300 रुपये लिखी हुई थी। इसी बात पर आयकर विभाग विंग का शक बढ़ा। उन्होंने आदिवासी को बुलाकर उससे जांच- पड़ताल की तो यह पूरा मामला सामने आया। विभाग अधिकारियों ने बताया कि शुरू में आदिवासी ने सच बताने में आनाकानी की, लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर उसने पूरा मामला उगल दिया। आदिवासी ने बताया कि उसने जमीन रियल एस्टेट कारोबारी शशिशंकर शर्मा और उनके बेटे विकास के नाम की है। यह जमीन साल 2008 से 2011 के दौरान बिल्डरों द्वारा खरीदी गई थी।
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6.5 करोड़ का लेन-देन भी हुआ : यही नहीं जमीन से संबंधित लेन-देन भी उसी आदिवासी के बैंक खाते से किया गया। लगभग 6.50 करोड़ का भुगतान आदिवासी के बैंक खाते से ही किया गया। आयकर विभाग ने बताया कि यह सारा लेन-देन लालघाटी स्थित मध्य प्रदेश के एक ग्रामीण बैंक से किया गया था।
विभाग ने किया नोटिस जारीः आयकर विभाग अधिकारियों ने बताया कि सारी जमीन बेनामी लेनदेन अधिनियम 2016 के तहत जब्त कर ली गई है। साथ ही रियल एस्टेट कारोबारी शशिशंकर शर्मा और उनके बेटे विकास को 15 दिन का नोटिस जारी किया गया है। जिसमें उनसे बेनामी प्रॉपर्टी पर जवाब देने को कहा गया है। बता दें अब तक भोपाल का यह आयकर विभाग विंग इस साल 200 से अधिक ऐसी बेनामी प्रॉपर्टी अटैच कर चुका है। इन संपत्तियों की बाजार में कीमत करोड़ो में है।