मध्य प्रदेश के धार में स्थिति तनावपूर्ण है। वजह है शुक्रवार (12 फरवरी) को वसंत पंचमी का होना। इस दिन भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद में हिंदू दिन भर पूजा करने पर अड़े हैं, जबकि मुसलमान जुमे की नमाज पढ़ने की जिद कर रहे हैं। हालात यह है कि जयंत पवार नाम के एक स्थानीय नौजवान ने कहा, ‘कर्फ्यू तो लगना ही है। एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकतीं।’ जयंत गुरुवार को कुश्ती की तैयारी कर रहे थे, क्योंकि उन्हें 12 फरवरी को ‘भोज केशरी दंगल’ में हिस्सा लेना है। यह बसंत पंचमी पर हर साल आयोजित होने वाला कुश्ती का मुकाबला है।
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एक दुकानदार दिनेश गोयल की शिकायत है कि ग्राहकों की संख्या में काफी कमी आ गई है। उनका कहना है, ‘बस एक घंटे की बात है, जब दोपहर में हालात बिगड़ने का खतरा रहता है।’ वह 2006 और 2013 की बसंत पंचमी को याद करते हैं। तब भी शुक्रवार को ही यह त्योहार पड़ा था। तब परिसर खाली किए जाने पर लोगों के दुर्व्यवहार से पुलिस गुस्सा गई थी और लोगों पर काफी बल प्रयोग किया था। उन्हें शक है कि इस बार कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर होगी।
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धार में पुलिस की तैनाती काफी बढ़ गई है। शहर के मुख्य सड़क पर पुलिस मार्च कर रही है। लेकिन शहरवासी अपने को उत्सव के लिए तैयार कर रहे हैं। प्रशासन अपनी रणनीति का खुलासा नहीं कर रहा है। प्रशासन का कहना है कि वह पूजा और नमाज दोनों करवाएगा, लेकिन कैसे इस बारे में कुछ नहीं बता रहा है। हिंदू संगठन अपने रुख पर अड़े हैं। उनका कहना है कि वे भोजशाला में दिन भर पूजा करेंगे और नमाज के लिए खाली नहीं करेंगे। ऐसी अटकलें हैं कि प्रशासन परिसर में हिंदूओं को पूजा करने देगा और मुस्लिमों को नमाज के लिए छत पर ले जाएगा। लेकिन हिंदू जागरण मंच के संयोजक गोपाल शर्मा ने कहा, ‘लाल ढांचे की छत पर नमाज नहीं होगी। वे शहर में और कहीं भी नमाज अदा कर सकते हैं।’