भिवानी कांड के आरोपी मोनू मानेसर पर पुलिस प्रशासन सख्त रुख अपनाता दिख रहा है। पुलिस ने उनके हथियार का लाइसेंस कैंसल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मोनू बजरंग दल के गुरुग्राम जिला संयोजक हैं और खुद को गौ-रक्षक बताते हैं। मानेसर पुलिस के डिप्टी कमिश्नर मनवीर सिंह ने कहा कि अगर किसी के पास लाइसेंसी हथियार हो और वह आपराधिक मामले में दर्ज होता है तो प्रशासन उसके हथियार का लाइसेंस रद्द करता है। उन्होंने कहा कि मोनू मानेसर के हथियार के लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्द ही इसे कैंसिल कर दिया जाएगा।
मोनू मानेसर ने वीडियो जारी कर आरोपों से किया इनकार
बता दें कि 16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी में दो नरकंकाल मिले थे, जिनकी पहचान राजस्थान के भरतपुर के घाटीमका गांव के नासिर और जुनैद के तौर पर हुई थी। एक दिन पहले ही इनके परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और अगले दिन भिवानी में नरकंकाल मिले। परिजनों ने इस मामले में 5 लोगों पर किडनैपिंग और हत्या का आरोप लगाया है। इनमें मोनू मानेसर का भी नाम शामिल है। हालांकि, मोनू मानेसर ने एक वीडियो जारी कर इन आरोपों से इनकार किया है और कहा कि उन्हें बदनाम किया जा रहा है। मृतकों में से एक जुनैद पर गौ-तस्करी के मामले दर्ज थे, जबकि नासिर का कोई क्राइम रिकॉर्ड नहीं था।
बदमाश छोरा गाने पर डांस करते वीडिया वायरल
इस बीच मोनू मानेसर का एक वीडियो भी काफी वायरल हो रहा है। इसमें वह कार में पिस्टल और रिवॉल्वर के साथ है। कार के अंदर और भी लोग हैं, जिनके हाथों में असलहा दिख रहे हैं। इस वीडियो में सभी लोग बदमाश छोरा गाने पर मस्ती करते दिख रहे हैं।
हत्याकांड को लेकर मोनू मानेसर का बयान
घटना के बाद मानेसर ने एक वीडियो जारी कर कहा था, “मामले में जो आरोपी बनाए गए हैं, वे सभी बजरंग दल से जुड़े हैं। सभी को जानता हूं, लेकिन हम निर्दोष हैं। रिपोर्ट में हमारा नाम इसलिए ड़ाला गया क्योंकि हम गौ-रक्षा करते हैं। बजरंग दल की कोई भी टीम वहां मौजूद नहीं थीं। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार हैं। ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। सोशल मीडिया से हमें घटना का पता चला है। इस घटना में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। हम जांच में सहयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।”
सीआईए की भूमिका की भी जांच शुरू
हरियाणा पुलिस ने इस मामले में लापरवाही की जांच के लिए अपनी ही सीआईए टीम के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। वहीं, एक आरोपी गौरक्षक के परिवार द्वारा राजस्थान पुलिस पर लगाए गए प्रताड़ना और उत्पीड़न के आरोपों की भी जांच शुरू कर दी है।