भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को उनके समर्थकों के साथ इंदिरापुरम के निकट एक गांव से हिरासत में लिया गया और बाद में जिले से बाहर निकाल दिया गया। पुलिस को संदेह है कि उसकी (आजाद) मौजूदगी से क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
लोगों ने दी पुलिस को दी सूचनाः शहर के पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि एक अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध रखने वाले लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी कि शुक्रवार (21 जून) की प्रार्थना के दौरान भीम आर्मी के प्रमुख क्षेत्र में पहुंच सकते हैं। लोगों की अपील थी कि वह राजनीतिक नेताओं को यहां से दूर रखें। इस क्षेत्र में एक वीडियो वायरल होने के बाद तनावपूर्ण स्थिति थी। इस वीडियो में ऐसा दावा किया गया था कि मकानपुर क्षेत्र में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने एक धार्मिक ढांचे को गिरा दिया है लेकिन बाद में पता चला कि सिर्फ बाड़ ही हटाई गई हैं। बता दें कि चंद्रशेखर के काफिले को धार्मिक स्थल पहुंचने से पहले  पुलिस द्वारा कनावनी पुलिया के पास रोक दिया गया। इसके बाद वहां मौजूद कुछ लोग घटना का  फेसबुक लाइव करने लगे। इस दौरान आर्मी प्रमुख के समर्थकों ने पुलिस के साथ धक्का- मुक्की भी की।

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जब्त की गई राइफलःपुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि भीम आर्मी प्रमुख के पास से एक राइफल जब्त की गई और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। बता दें भीम आर्मी की स्थापना साल 2015 में हुई थी।भीम आर्मी की स्थापना  दलित समुदाय के बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने और दलितों के हितों की रक्षा करने के लिए की गई थी।