जिले के 12 गांवों के निवासी जल संकट के चलते आगामी भंडारा – गोंदिया लोकसभा उपचुनाव का बहिष्कार करेंगे। यह निर्णय ग्रामीणों ने उनकी सिंचाई सुविधा की मांग पूरी न होने पर लिया है। स्थानीय संगठन ‘ बावनथडी प्रकल्प संघर्ष समिति ’ के तहत ग्रामीणों ने पूर्व में ग्राम सभा की बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा था कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती तो वे क्षेत्र में सभी चुनावों के बहिष्कार करेंगे। इसमें 28 मई को होने वाला भंडारा – गोंदिया उपचुनाव भी शामिल है। समिति के अध्यक्ष बालकृष्ण गाढ़वे ने कहा कि सरकार की ‘ बावनथडी सिंचाई परियोजना ’ तहत इन गांवों में समुचित जल आपूर्ति की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को इस साल मार्च में ज्ञापन सौंपा गया था।

गाढ़वे ने दावा किया कि हालांकि सरकार और प्रशासन ने उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि इसके बाद समिति ने गोबारवाही गांव में 23 मार्च को प्रदर्शन किया और तुमसर ताल्लुका के 12 गांवों के मतदाताओं ने उपचुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया। उप चुनाव का बहिष्कार करने वाले गांवों में गणेशपुर , पवनारखारी , गोबारवाही , येडारबुकी , सुंदरतोला , सितासावंगी , खैरतोला , गुड्रू और धामलेवाड़ा शामिल हैं। समिति के उपाध्यक्ष शरद खोबारगाड़े ने बताया कि 12 गांवों की कुल जनसंख्या करीब 30 हजार है। ये गांव सिंचाई और पीने के लिए प्रयुक्त होने वाले पानी की समुचित आपूर्ति न होने की समस्या का सामना कर रहा है।

भंडारा का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे गोंदिया के कलेक्टर अभिमन्यु काले ने प्रेट्र को बताया कि ग्रामीणों की मांग पर प्रशासन निश्चित रूप से ध्यान देगा। भंडारा – गोंदिया लोकसभा सीट पर उपचुनाव भाजपा सांसद नाना पटोले के सत्तारूढ़ दल से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल होने के कारण हो रहा है। कुल 18 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा के हेमंत पटले और राकांपा के मधुकरराव कुकड़े के बीच है।