भागलपुर पुलिस ने साइबर अपराध करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। एसएसपी आशीष भारती के मुताबिक यह गिरोह झारखंड और बिहार का है। जो दूसरे राज्यों के साथ साथ बिहार व झारखंड के लोगों को झांसे में ले लाखों रुपए की ठगी कर चुका है। हाल ही में इस गिरोह ने फोन कर अपने को भारतीय स्टेट बैंक का प्रबंधक बताकर भागलपुर के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी और उनके परिवार के बैंक खातों से दस लाख रुपए निकाल चपत लगाने का पुलिस ने मंगलवार शाम खुलासा किया है।

एसएसपी के मुताबिक धरे गए ठगों में देवघर जसीडीह के अगम वर्णवाल , साहेबगंज के दीपक कुमार साह (झारखंड) और सिंटू कुमार वर्णवाल लक्ष्मीपुर जमुई (बिहार) है। इनके पास से पुलिस ने एक लाख छब्बीस हजार रुपए नकद के अलावे एक लेपटॉप , पांच मोबाइल, एटीएम कार्ड और कई बैंकों के चेक बुक व पासबुक बरामद किए है।

दरअसल इन लोगों ने अपने को स्टेट बैंक का अधिकारी बताते हुए आदमपुर भागलपुर के फूलबाबू चौधरी को बीते 18 अगस्त को फोन किया और बोले कि आपका एटीएम बंद हो जाएगा। इसको चालू रखने के लिए उनसे उनका खाता नंबर और एटीएम कार्ड नंबर फौरन मांगा । फूलबाबू इनकी बातों पर यकीन कर खातों का पूरा ब्योरा दे दिया। थोड़ी देर में उनके मोबाइल पर मैसेज आ गया कि उनके दिए अपने और अपनी दोनों बेटियों के खाते से दस लाख अठ्ठाइस हजार एक सौ सत्तर (10,28,170) रुपए झट से निकल गए। यह देख वे अवाक रह गए और ठगी का शिकार होने का होश आया।

इस सिलसिले में थाना कोतवाली के तहत जोगसर पुलिस आउटपोस्ट में एक एफआईआर संख्या 558 दिनांक 21 अगस्त 18 इनकी शिकायत पर लिखी गई है। एसएसपी ने मामलों को गहराई से तहकीकात करने और साइवर अपराध के इस गिरोह को पकड़ने के लिए एक एसआईटी का गठन किया। एसआईटी ने एक महीने के दौरान इस गिरोह तक पहुंचने के लिए कई जाल बिछाए। सुराग ढूंढे व अपने मुखबिर की मदद से आखिरकार दबोच लिया।

एसएसपी पुलिस की एसआईटी की यह बड़ी कामयाबी बताते है और उन्होंने टीम के सभी सदस्यों को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। टीम के सदस्यों के नाम है अजित कुमार , राजनन्द कुमार , सुरेश कुमार (सभी सबइंस्पेक्टर), रजी अहमद व राकेश कुमार (सिपाही) और चीता दल के तकनीकी अनुसंधान करने वाले सहयोगी है। एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों से और इनके साथियों व ठगी के वारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश रिमांड पर लेकर की जाएगी।