भागलपुर ईस्टर्न बिहार चेंबर आफ कामर्स इंडस्ट्रीज ने लाकडाउन के दौरान ई-कामर्स व्यापार को दी गई छूट पर फौरन रोक लगाने की मांग की है। ऐसा न हुआ तो खुदरा दुकानदार एकदम बर्बाद हो जाएंगे। यह अन्याय है। इस पर केंद्र सरकार फिर से विचार करें । इस आशय का पत्र सोमवार को चेंबर के अध्यक्ष अशोक भिवानीवाला ने केंद्रीय उद्योग व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भेजा है।
पत्र की कापी प्रधानमंत्री, बिहार के मुख्यमंत्री और राज्य के उद्योग मंत्री को दी है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि कोरोना संक्रमण की मार छोटे दुकानदारों पर बुरी तरह पड़ी है। 40 दिनों के बाद लाकडाउन-3 में भी आवश्यक वस्तुओं की दुकानों के अलावे दूसरी दुकानें बंद है। सब कुछ ठप्प होने के बाद भी बंद के दौरान की कर्मचारियों की पगार, बिजली बिल, पानी का भुगतान, टैक्स की अदायगी करनी पड़ेगी। मगर यह तभी संभव हो सकता है जब कारोबार चलता रहे।

उन्होंने पत्र में कहा है कि देश की 11 फीसदी अर्थव्यवस्था में चार करोड़ परंपरागत खुदरा व्यापार करने वालों का योगदान है। गर्मी के मौसम और ईद त्योहार को देखते हुए दुकानदारों ने एसी, कूलर, फ्रिज, रेडीमेड कपड़े, जूते बगैरह सामानों का स्टॉक गोदामों में रख लिया था। यदि लाकडाउन-3 में ई-कामर्स कंपनियों ने ये सामान अपने स्तर से बेच लिए तो खुदरा दुकानदार की बर्बादी तय है।
चेंबर के अध्यक्ष भिवानीवाला ने कहा है कि ई-कॉमर्स कंपनी के माल डिलीवरी करने वालों से कोरोना संक्रमण के खतरे का भी अंदेशा है। दुकानदार और ग्राहक आपस में एक दूसरे के पहचान के है।इनसे संक्रमण का खतरा नहीं है। अलबत्ता ई-कामर्स कंपनियों को लाकडाउन-3 में दी गई रियायत तुरंत वापस ली जाए। वरना खुदरा दुकानदार कहीं के नहीं रह जाएंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री से अविलंब दखलंदाजी करने की गुजारिश की है।

