बंगलुरू में एक अजीब मामला सामने आया है। एक बीमार महिला ने अपने पति पर उसकी बिना जानकारी के कथित रूप से जबरदस्ती वर्जिनिटी और प्रेगनेंसी टेस्ट करवाने का आरोप लगाया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार दोनों पति पति एमबीए ग्रेजुएट्स हैं और एक नामी कंपनी में काम करते हैं। दोनों उत्तर कर्नाटक के रहने वाले हैं। इन दोनों की मुलाकात एक मैटरिमोनियल साइट के जरिये हुई थी।
शुरुआती मेलजोल के बाद इन लोगों ने पिछले साल नवंबर में शादी करने का फैसला लिया। इस बीच शादी से 15 दिन पहले पीड़िता की मां की मौत हो गई।
मां की मौत से पीड़िता डिप्रेशन में चली गई लेकिन पति शरत ने उसे गलत समझ लिया। उसे लगा कि वह (पीड़िता) शादी से खुश नहीं है। यह घटना शादी के एक दिन बाद सामने आई।
पेट में गैस का कारण महिला को उल्टी होने लगी। शरत उसको तुरंत अस्पताल लेकर गया। पीड़ित उस समय शॉक रह गई जब उसे पता चला कि डॉक्टर उसका प्रेगनेंसी और वर्जिनिटी टेस्ट किया है। इससे पहले महिला ने बिना देखे सहमति पत्र पर साइन कर दिए थे।
टेस्ट का पता चलने के बाद महिला अपने पति को कोसते हुए अपनी बहन के घर रहने चले गई। तीन महीने बाद आरोपी पति ने तलाक के लिए आवेदन दे दिया।
परिहार फैमिली काउंसिलिंग सेंटर में काउंसलर ने पीड़ित को बुलाया। वे लोग महिला का खौफनाक कहानी सुनकर भौचक्के रह गए। काउंसलिंग सेंटर की काउंसलर अपर्णा पूर्णेश ने टीओआई को बताया कि पीड़ित के आग्रह पर काउंसलर ने शरत को समझाने की कोशिश की लेकिन उसके कोई जवाब नहीं दिया।
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एक अन्य काउंसलर ने बताया कि जब पीड़िता अपनी मां की मौत के बाद डिप्रेशन से गुजर रही थी तब उसके पति ने उसे भावनात्मक रूप से कोई सपोर्ट नहीं किया।
इतना ही नहीं उसे मेडिकल प्रोफेशनल्स से काउंसिलिंग से भी दूर रखा। हालांकि, पीड़िता ने अब अपने पति के खिलाफ शिकायत पुलिस के पास शिकायत कर दी है। अदालत इस मामले में उत्पीड़न और उसकी निष्ठा पर शक करने के मामले की सुनवाई करेगी।