भारत में पानी की कमी की समस्या काफी पुरानी है। इस दिक्कत को दूर करने के लिए अक्सर पानी बर्बाद न करने के साथ- साथ रेन वॉटर हार्वेस्टिंग आदि की चर्चा की जाती है, लेकिन बेंगलुरु के एक परिवार ने इन चर्चाओं को हकीकत में बदल दिया है। बात हो रही है आर्किटेक्ट विश्वनाथ और उनके परिवार की, जो रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से इकट्ठा किए गए पानी को ही पीने और खाना बनाने में इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने बताया कि वे रेन वॉटर हार्वेस्टिंग करते हैं। इसके तहत पानी को छत पर इकट्ठा करते हैं। उसको फिल्टर करते हैं और अलग-अलग जगहों पर सुरक्षित रखते हैं।’
यहां जमा होता है पानीः विश्वनाथ ने बताया कि ऊंचाई पर एक जगह बरसात का सारा पानी इकट्ठा किया जाता है। वहीं, पीने और खाना बनाने का पानी ब्लो ड्रम में रखा जाता है। इसके बाद पानी सम टैंक में इकट्ठा होता है, जिसे दूसरे अन्य कामों में इस्तेमाल किया जाता है। विश्वनाथ ने बताया कि उनके पास एक रीसाइक्लिंग प्रणाली है, जहां नहाने और वॉशिंग मशीन का पानी इकट्ठा किया जाता है। इस पानी को रीसाइकल किया जाता है और बागवानी में इस्तेमाल किया जाता है।
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कंपोस्टिंग टॉयलेट का करते हैं इस्तेमालः विश्वनाथ ने बताया, ‘हमारे पास कंपोस्टिंग टॉयलेट है, जिसमें किसी भी तरह से पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इससे उत्पन्न होने वाली खाद का इस्तेमाल छत पर बने बगीचे में किया जाता है।’ उन्होंने बताया,’ हम बारिश के पानी से 300 से 320 दिन तक का पानी आसानी से इकट्ठा कर लेते हैं। इसके अलावा हमारे पास हॉल में सिर्फ एक टेबल फैन है। हमारा घर भी काफी हवादार है। इसके अलावा ऊर्जा संबंधी हमारी आवश्यकताएं सूर्य से पूरी हो जाती हैं।’

