दिग्गज बंगाली एक्टर सौमित्र चटर्जी का रविवार (15 नवंबर, 2020) को दोपहर सवा बारह बजे निधन हो गया। 85 साल के सौमित्र चटर्जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और हॉस्पिटल में भर्ती थे। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की खूब कोशिश की मगर कामयाबी ना मिल सकी। उनकी हालात लगातार बिगड़ती जा रही थी। दिग्गज एक्टर को वेंटिलेटर पर रखा गया था।
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेता चटर्जी को जब लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया तब भी वो प्रतिक्रिया नहीं दे रहे थे। उनका इलाज कर रहे एक डॉक्टर ने बताया कि सभी कोशिश करने के बाद भी उनका शरीर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था। उनकी हालत बहुत खराब थी। उन्हें हर तरह की इलाज प्रणाली मुहैया कराएगी गई मगर वो जिंदगी की जंग हार गए।
डॉक्टर ने बताया कि हमने स्टेरॉयड, इम्युनोग्लोबुलिन, कार्डियोलॉजी, एंटी-वायरल थेरेपी, इम्यूनोलॉजी सब कुछ कर उन्हें बचाने की कोशिश की। बकौल डॉक्टर न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी, क्रिटिकल केयर मेडिसिन के क्षेत्रों से विशेषज्ञों की एक बड़ी टीम और आईडी स्पेशलिस्ट पिछले 40 दिनों से उन्हें ठीक करने की कोशिश में जुटी थी।
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डॉक्टर ने कहा कि हमें दुख है कि इस दौरान उन्होंने किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी। हमने अपना आखिरी प्रयास किया जो सफल साबित नहीं हुआ। उनके परिवार ने भी स्वीकार कर लिया कि दिग्गज एक्टर को बचाया नहीं जा सकेगा। शुक्रवार से ही उनके दिमाग में बहुत कम गतिविधि हो रही थी। उनकी किडनी खराब हो चुकी थीं और ऑक्सीजन जरुरत बहुत अधिक बढ़ गई थी।
उल्लेखनीय है कि सौमित्र चटर्जी का गुरुवार को पहला प्लास्मफेरेसिस किया गया और बुधवार को ट्रेकियोस्टोमी हुआ। महान अभिनेता चटर्जी ने अपने सत्यजीत रे की मास्टरपीस अपुन संसार से अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने ऑस्कर विजेता रे के साथ 14 फिल्मों में काम किया था। उन्होंने 6 अक्टूबर को कोरोना वायरस महामारी की पुष्टि के बाद हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। हालांकि बाद उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई।
इधर सौमित्र चटर्जी के निधन के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके परिवार को सांत्वना देने कोलकाता के Belle Vue अस्पताल पहुंचीं।