पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्‍ड जैसे राज्‍यों में दुर्गा पूजा मनाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाएं सजाई जा रही हैं, मगर एक प्रतिमा को लेकर विवाद की स्थिति बनने लगी है। नादिया जिले के कल्‍याणी उपखंड में स्थित चकदाह शहर में लगे एक पंडाल में मां दुर्गा की जगह मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी की मूर्ति लगाई गई है। इसमें ममता अपनी चिर-‍परिचित नीले बॉर्डर वाली सफेद साड़ी में नजर आ रही हैं। उनके हाथ नमस्‍ते की मुद्रा में हैं। फाइबरग्‍लास से बनी ममता की इस प्रतिमा में 10 हाथ अलग से जोड़े गए हैं, जो बतौर मुख्‍यमंत्री उनके द्वारा लागू की गई सरकारी योजनाओं की तरफ इशारा करते हैं। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इसपर आपत्ति जताई है। गोपेश दुबे नाम के यूजर लिखते हैं, ”ममता को अब देवी माना जाने लगा है। वे लोग उनकी पूजा कर रहे हैं जिन्‍हें उनका आशीर्वाद चाहिए।” दुर्गा पूजा बंगाल का सबसे बड़ा त्‍योहार है। इस दौरान बंगाल में जगह-जगह मां दुर्गा की पूजा करने के लिए पंडाल लगाए जाते हैं। ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस अप्रैल में हुए चुनावों में बहुमत हासिल कर दोबारा सत्‍ता में आई है। इससे पहले बंगाल से खबर आई थी कि एक गांव में बहुसंख्‍यक हिंदुओं को दुर्गा पूजा की इजाजत नहीं दी जा रही।

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सोशल मीडिया पर भी आलोचना:

खबर थी कि बीरभूम जिले के नलहटी थाने के तहत आने वाले कंगलापहाड़ी गांव में करीब 300 हिंदू परिवार पिछले तीन सालों से प्रशासन से गांव में दुर्गापूजा मनाने की इजाजत मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिल रही है। लगातार चौथे साल भी अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है।

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रिपोर्ट के अनुसार कंगलापहाड़ी दुर्गा मंदिर कमेटी ने जिला प्रशासन के विभिन्न अधिकारियों से अनुमति मांगी है लेकिन गांव के कुछ मुस्लिम परिवारों की कथित आपत्ति के कारण उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिल रही है। गांव में 25 मुस्लिम परिवार रहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार प्रशासन कानून-व्यवस्था का हवाला देकर उन्हें अनुमति नहीं देता है।