एक कंपनी 100 युवकों को नौकरी देने के नाम पर करीब 40 लाख रुपए का चूना लगाकर फरार हो गई है। तनख्वाह के नाम पर कंपनी की ओर से दिए गए चेक भी बाउंस हो गए थे। इसके बाद कंपनी प्रबंधन ने 21 मार्च को नकद रुपए देने का वादा किया था, लेकिन सोमवार को कंपनी के आॅफिस में ताला लटका मिला। पड़ोस के एक चाय वाले ने बताया कि शनिवार को ही कंपनी के प्रबंधक कंप्यूटर समेत अन्य सामान लेकर चले गए तो युवकों को अहसास हुआ कि वे ठगी का शिकार हुए हैं।
पीड़ितों ने सेक्टर-6 थाने में एसपी सिटी दिनेश यादव से मुलाकात कर मामले की शिकायत की है। एसपी ने थाना सेक्टर-20 पुलिस को मामला दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए हैं। पिछले कुछ सालों से प्लेसमेंट एजंसियों और नौकरी के नाम पर पैसा लेकर भागने वाले मामलों से नोएडा खासा बदनाम हो चुका है।
ऐसे कई दर्जन मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से एक को भी पुलिस पूरी तरह से नहीं सुलझा पाई है। सेक्टर-2 के सी-4 में एक इलेक्ट्रिकल कंपनी का आॅफिस है। कंपनी ने जनवरी, 2016 में करीब 100 युवकों को नौकरी पर रखा था। इन सबसे एक साल तक कंपनी नहीं छोड़ने का बांड भरवाया गया। साथ ही 40 हजार रुपये अनुबंध राशि के रूप में लिए गए।
हालांकि इन्हें रसीद केवल 20 हजार रुपए की दी गई और बकाया 20 हजार रुपए तीन महीने के प्रशिक्षण के बाद लौटाने का दावा किया गया। इनका वेतन 20 से 30 हजार रुपए महीना तय था। दो महीने तक वेतन नहीं मिलने पर जब युवकों ने प्रबंधन से बातचीत की तो कुछ युवकों को चेक दिए गए। पीड़ित प्रभुदत्ता मिश्रा ने बताया कि सभी चेक बाउंस हो गए। उसके बाद कंपनी प्रबंधन ने 21 मार्च को नकद वेतन देने का वादा किया था लेकिन उससे दो दिन पहले ही कंपनी सामान समेट कर फरार हो गई।
पीड़ितों ने बिल्डिंग के मालिक और कंपनी में कंप्यूटर लगाने वाले पर भी फर्जीवाड़े में शामिल होने का आरोप लगाया है। नवतीन सिंह, नागेंद्र सिंह, राहुल मिश्रा, फातिमा और प्रिया सिसोदिया कंपनी के साझेदार हैं। पीड़ितों ने इनके मोबाइल नंबर भी पुलिस को दिए हैं।