मेघालय के पूर्व राज्यपाल वी षण्मुगनाथन के बारे में कुछ नई बातें सामने आ रही हैं। इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, वह महिला उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए सीधा फोन करते थे। इसके अलावा वह एक पीआरओ को लेकर ईटानगर भी गए थे। कुछ उम्मीदवारों ने अपना नाम ना आने की शर्त पर इंडियन एक्सप्रेस से बात की। उन्होंने बताया कि वी षण्मुगनाथन ने उनमें से कुछ को खुद कॉल करके ‘वन टू वन’ इंटरव्यू देने के लिए बुलाया था। जबकि उससे पहले ही कुछ इंटरव्यू हो चुके थे। जिसमें से एक को तो तीन सीनियर ऑफिसर ने लिया था जिनमें सचिव भी शामिल था।

पता चला है कि शुरू में 10 महिला और पांच पुरुषों को राजभवन से कॉल गई थी। उन लोगों को 7 नवंबर को इंटरव्यू देने के लिए बुलाया गया था। उसके बाद 28 नवंबर को पांच महिला और दो पुरुषों को फिर से इंटरव्यू किया गया। उसके बाद 7 दिसंबर के बाद राज्यपाल ने कुछ महिला उम्मीदवारों को 8 दिसंबर को ‘वन टू वन’ इंटरव्यू के लिए फिर से बुलाया गया। उनमें से दो ने ही वी षण्मुगनाथन पर आरोप लगाए थे।वी षण्मुगनाथन ने एक महिला का प्रमोशन भी किया था। उसे प्राइवेट एसिस्टेंट से सीधा पब्लिक रिलेशन ऑफिसर (PRO) बना दिया गया था।

वहीं जिन दो लड़कियों को PRO नियुक्त किया गया था उनसे फिलहाल बात नहीं हो पाई। लेकिन पता चला है कि उनमें से एक राज्यपाल के साथ ईटानगर भी गई थीं।

दरअसल, शिलांग राजभवन के 80 कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को खत लिखकर वी षण्मुगनाथन को तुरंत प्रभाव से हटाने की मांग की थी। पांच पेज के इस खत में आरोप लगाया गया था कि राज्यपाल की गतिविधियों की वजह से राजभवन की मर्यादा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। इसके बाद वी षण्मुगनाथन ने 26 जनवरी की रात को इस्तीफा दे दिया था।