Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के बिजनौर में पुलिस की टीम ने गोमांस रखे होने के शक में छापेमारी की तो उनको देखकर महिला घबरा गई। इसके बाद महिला को पैनक अटैक आ गया और उसकी मौत हो गई। महिला की पहचान खटाई गांव की रहने वाली रजिया के तौर पर हुई है। बिजौर के एसपी अभिषेक झा ने बताया कि परिसर में छापेमारी करने के लिए चा कॉस्टेबलों को भेजा गया था। यहां पर पुलिस को कुछ भी नहीं मिला।
एसपी ने कहा कि सूचना मिलने के बाद छापेमारी की गई थी और यह गोहत्या विरोधी कानून के उल्लंघन के आधार पर की गई थी। यह कानून गोहत्या और गोमांस की बिक्री या लाने-ले जाने पर बैन लगाता है। एसपी झा ने कहा कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं और पुलिस मुखबिर की भूमिका की भी जांच की जाएगी। पुलिस को इस तरह की जानकारी देने के लिए मुखबिर के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और अगर हमारी जांच में पुलिस अधिकारी भी दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा।
महिला को आया पैनिक अटैक
मरने वाली महिला के बेटे ने आरोप लगाया कि चार पुलिस कांस्टेबल उसके घर में घुस आए और वहां मौजूद महिलाओं के साथ बुरा बर्ताव करने लगे। नसीम ने कहा कि उन्होंने घर के सामान को तोड़-फोड़ दिया। हमने उन्हें बताया था कि सरकार की तरफ से बैन किया गया कोई भी सामान उनके यहां पर नहीं रखा हुआ है। पुलिस के बर्ताव की वजह से ही मेरी मां को घबराहट हुई और पैनिक अटैक आ गया। यहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।
समाजवादी पार्टी विधायक ने एसपी से क्या मांग की
समाजवादी पार्टी के नगीना विधायक मनोज कुमार पारस ने स्थानीय नेताओं और मुस्लिम मौलवियों के एक डेलिगेशन के साथ एसपी ऑफिस में छापा मारने वाले पुलिस वालों के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की। पारस ने कहा कि क्षेत्र का विधायक होने के नाते यह तय करना हमारी जिम्मेदारी है कि पुलिस या कोई भी सामाजिक तत्व किसी भी जाति या समुदाय के शख्स को परेशान ना करे। इस बीच, बिजनौर के कीरतपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ जयभगवान सिंह ने कहा कि महिला की मौत का पुलिस छापे से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि रजिया अस्थमा की पेसेंट थी और पिछले कुछ सालों से उसका इलाज चल रहा था।