MP News: अगर आप गोलगप्पे खाने के शौकीन हैं तो ये खबर सिर्फ आपके लिए। मध्य प्रदेश के मंडला में गोलगप्पे बेचने वालों पर पिछले तीन दिनों से बैन लगा हुआ है अब अगला आदेश आने तक ये बैन लागू रहेगा। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर गोलगप्पों ने ऐसा क्या कर दिया कि वो बैन कर दिए गए तो चलिए आपको इनके बैन होने की वजह भी बता देते हैं। दरअसल मंडला में एक साथ बहुत सारे फूड प्वाइजनिंग के मामले सामने आए हैं जिसके बाद प्रशासन ने इससे बचने के लिए ऐसा आदेश जारी किया है।

मंडला के नारायण गंज और चिरई डोंगी इलाके में फुलकी (गोलगप्पा) खाने की वजह से काफी लोग बीमार पड़ गए इनकी संख्या 100 से भी ऊपर जा चुकी थी इसके पीछे फूड प्वाइजनिंग को जिम्मेदार बताया गया था। इसके बाद मंडला के प्रशासन ने इस बात का फैसला लिया कि अगर तुरंत इसे रोका नहीं गया तो और भी मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। तब प्रशासन ने गोलगप्पों पर इस इलाके में प्रतिबंध लगा दिया। बीमार होने वाले मरीजों में से 31 बच्चे तो एक ही मोहल्ले से थे।

फूड प्वाइजनिंग की वजह से 100 से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती

फूड प्वाइजनिंग से पीड़ित अधिकांश लोगों ने गोलगप्पे खाए थे। रविवार (23 अक्टूबर) को मंडला के अतिरिक्त जिला दंड-अधिकारी ने गोलगप्पे और चाट फुल्की बेचने वालों पर बैन लगा दिया है ये बैन अभी जारी है। मंडला के ग्रामीण और कस्बे इलाके के लोगों को गोलगप्पे खाने के बाद अचानक उल्टी दस्त की शिकायत शुरू कर दी और जिला अस्पताल में 100 से भी ज्यादा मरीज जा पहुंचे। बीमारी से पीड़ित इन सभी लोगों ने अपने-अपने इलाकों में गोलगप्पे खाए थे।

जिलाधिकारी ने बताई बैन करने की वजह

जिलाधिकारी हर्षिता सिंह ने वेब पोर्टल एमपी तक से बातचीत में बताया कि ये रैंडम्ली चेकअप के बाद ही नहीं बल्कि आगामी आदेश तक गोलगप्पे, चाट, फुल्की और स्ट्रीट फूड्स को बैन करेंगे। किस तरह से हम उसकी बिक्री कर सकेंगे एक प्रॉपर चेकअप के बाद ही हम उसकी अनुमति देंगे। प्रॉपर स्ट्रीट्स में बिकने वाले खाने के चेकअप के लिए हम लोग प्लान कर रहे हैं। हालांकि इन तीन दिनों में ज्यादातर लोग ठीक होकर अपने घरों को पहुंच गए हैं लेकिन प्रशासन ने अभी ये बैन खत्म नहीं किया है। प्रशासन का कहना है कि एक बार हम और इन स्ट्रीट फूड्स की चेकिंग करेंगे उसके बाद उन्हें बहाल करने पर विचार करेंगे।